कांगड़ा (रीना शर्मा) : इस समय सरकारें बड़े-बड़े वादे करती हैं कि सरकारी स्कूल प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हैं, वही एक ऐसा स्कूल जो इन सब बातों को दरकिनारे करता है। जिला का एक ऐसा स्कूल जो मात्र दो कमरों में चल रहा है, हम बात कर रहे हैं उम्मर स्कूल की जो ज्वालामुखी उपमंडल के अधीन है।
जिला के उपमंडल ज्वालामुखी के नजदीक राजकीय मिडल स्कूल उम्मर के छात्र इस समय बरामदे में क्लासें लगाने के लिए मजबूर हैं। इस स्कूल में नर्सरी से लेकर सातवी कक्षा में अभी तक 70 के लगभग बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। इस पाठशाला में मात्र दो कमरे हैं जिस वजह से सभी छात्रों का कमरों में पढ़ाई कर पाना मुश्किल होता है, जिस वजह से मजबूरन छात्रों को बरामदे में कक्षाएं चलानी पड़ती हैं। बारिश हो, गर्मी हो, आंधी तूफान हो, बच्चे बाहर बैठने को मजबूर होते हैं।
प्रशासन और शिक्षा विभाग का इस और कोई ध्यान नही है। स्कूल के अध्यापकों ने भी कई बार उच्च अधिकारियों को इस स्कूल की दशा के बारे पत्रों के माध्यम से अवगत करवाया है, पर किसी के कान पर जूं तक नही रेंगी। बहरहाल बच्चे इस ठंड में ठिठुर-ठिठुर कर पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
क्या कहते हैं प्रधान
इस पंचायत के प्रधान रामलोक धनोटिया का कहना है कि विभाग को इस स्कूल की दशा सुधारनी चाहिए और यहाँ कमरो का निर्माण करवाना चाहिए ताकि बच्चे सुरक्षित पढ़ाई कर सकें। उन्होंने विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द इस स्कूल की दशा को सुधारा जाए।
लोगो का कहना
विजेंद्र कुमार, अभिषेक वशिष्ठ, पंकज ठाकुर, दिनेश, कुलदीप मनकोटिया, परीक्षत शर्मा ने सरकार व विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द इस स्कूल की सुध ले और भवन निर्माण करवाये ताकि बच्चे मौसम की मार न सहन करें।