शिमला (एमबीएम न्यूज): शायद आज गुडिया की रूह भी उदास होगी, क्योंकि उसे न्याय दिलाने के लिए आई देश की सर्वोच्च जांच एजैंसी सीबीआई ने 10 लाख के ईनाम की घोषणा कर यह बता दिया है कि उसके हाथ खाली है। कोटखाई की गुडिया के रेप व मर्डर के मामले में हर कोई सीबीआई की तरफ न्याय की उम्मीद लगाकर टकटकी आंखों से देख रहा था। उम्मीद ही नहीं, बल्कि विश्वास था कि सीबीआई अब गुडिया के असल कातिलों को दबोच लेगी।
मगर शुक्रवार शाम, जब सीबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गुडिया के कातिलों की सूचना देने पर 10 लाख का ईनाम देने की घोषणा की तो तस्वीरें आईने की तरफ साफ हो गई। इसका मतलब यही था कि देश की सबसे बड़ी जांच एजैंसी के हाथ खाली हैं। तकरीबन 145 दिनों में सीबीआई ने क्या किया, इसका जवाब एजैंसी का कोई भी अधिकारी देने को तैयार नहीं है। 10 लाख के ईनाम से यही साबित हो गया कि देश की सर्वोच्च जांच एजैंसी हिमाचल पुलिस के अधिकारियों को सलाखों के पीछे धकेलने के लिए ही आई थी।
कांस्टेबल से आईजी स्तर के अधिकारी न्यायिक हिरासत में हैं। नेपाली मूल के सूरज की लॉकअप हत्या के मामले में एजैंसी ने पूरा ध्यान केंद्रित रखा। यह ठीक है कि लॉकअप हत्या के मामले में सीबीआई की जांच पर कोई सवाल नहीं उठा। लेकिन उस गुडिया का क्या, जिसके लिए न्याय मांगते-मांगते हजारों आंखें नम भी हुई तो आक्रोश भी पैदा हुआ। जानकारों की मानें तो ईनाम का ऐलान उसी सूरत में होता है, जब जांच एजैंसी को कोई सफलता न मिल रही हो। गुडिया के मामले में सीबीआई कोर्ट से बार-बार मोहलत मांग कर फटकार खाती रही।
गुडिया की जांच की जिम्मेदारी सीबीआई के एसएसपी एसएस गुरुम, डीएसपी सीमा पाहूजा व एसपी अशोक शेट्टी के हाथों में रही। जांच एजैंसी के यह अधिकारी जब पहुंचे तो मीडिया ने उनकी जांच के पुराने मामलों को निकाल कर उन्हें हीरो बना दिया था। मीडिया रिपोर्टस के मताबिक सीबीआई ने जांच के लिए महज गाडिय़ां दौड़ाने पर ही 20 लाख रुपए खर्च कर दिए।
यह भी दीगर है कि जांच एजैंसी के तमाम अधिकारियों ने पीटरहॉफ को अपना कार्यालय बनाया था, लेकिन कोर्ट से फटकार मिली तो डेरा बदला। 6 जुलाई को तांदी के जंगलों में गुडिया का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। चंद दिनों में कोटखाई से ठियोग तक आक्रोश फैल गया। हालांकि सीबीआई ने 20 दिसंबर को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट देनी है, लेकिन चंद रोज पहले सीबीआई ने 10 लाख रुपए का ईनाम घोषित कर जनता की मदद मांग ली है।
खास बात यह है कि राज्य सरकार ने जुलाई महीने में ही सीबीआई से जांच करने का आग्रह किया था, लेकिन सरकार की मांग की बजाय हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने जांच शुरू की थी। करीब 4 महीने से सीबीआई की टीम हिमाचल में ही डटी है, लेकिन हाथ खाली होने से लोगों का विश्वास एजैंसी से टूटा है।
बहरहाल सीबीआई ने गुडिया के कातिलों की सूचना होने की स्थिति में मोबाइल नंबर 96503-94782, 82198-85920 व 82198-93590 या फिर 98705-30011 पर सूचना देने का आग्रह किया है। साथ ही आश्वस्त किया है कि सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।