नाहन( एमबीएम न्यूज़) : जिला में रूक-रूक बारिश किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। बारिश होने से जिला वासियों का शुष्क मौसम से भी निजात मिली है। सोमवार दोपहर बाद से जिला के अधिकतर क्षेत्रों के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बारिश के चलते नाहन, सराहां, संगडाह, हरिपुरधार, नौहराधार, नारग व नैनाटिक्कर बाजारों से रौनक गायब रही। ठंड से बचने के लिए लोग पूरा दिन घरों में ही दुबके रहे।
वही जिले की सबसे ऊंची चोटी व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार में पिछले 16 घंटों से रूक-रूक बर्फबारी का सिलसिला जारी है। चूड़धार में दोपहर बाद तक 45 सेमी तक ताजा हिमपात हुआ है। जिला भर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। कई ऊंचाई वाले क्षेत्रो में ओलावृष्टि हुई है। ओलावृष्टि व बारिश के कारण तापमान में आई भारी गिरावट के चलते समूचा जिला शीतलहर की चपेट में आ गया है।
मंगलवार को नौहराधार व हरिपुरधार का अधिकतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 1 डिग्री तक पहुंच गया। 3 महीने के बाद हुई बारिश से क्षेत्र के किसानों व बागवानो ने राहत की साँस ली है। पीली पड़ चुकी लहसुन की फसल के लिए बारिश जहां संजीवनी साबित होगी। वही लबें समय से गेंहु व जौ की फसल की बुआई का इंतजार कर रहे क्षेत्र के किसान अब बुआई के कार्य में जुट जाएंगे।
कृषि विभाग ने जिला में किसानों को बिजाई के लिए करीब 600 क्वींटल गेहूं का बीज वितरित किया है। किसानों ने गेहूं का बीज तो खरीद लिया था, मगर बारिश के इंतजार में ऊंचाई वाले स्थानों पर अभी तक बिजाई नहीं हुई थी। यहां पर अधिकतर क्षेत्रों में सिंचाई के साधन न होने से किसानों को बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है। जिले में इन दिनों गेहूं, मटर, जौं, प्याज व लहसुन की फसल की बिजाई की है। जिले के ऊपरी क्षेत्रों में गेहूं की पैदावार कम मात्रा में की जाती है।
मगर निचले क्षेत्रों में कई किसान गेहूं व धान की फसल पर ही निर्भर रहते हैं। निचले क्षेत्रों में गेहूं की बडे पैमाने पर पैदावार की जाती है। नाहन व पांवटा विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक गेहूं की पैदावार होती है। चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबूराम शर्मा ने यात्रियों को सलाह दी है कि खराब मौसम में यात्री चूड़धार न आए। चूड़धार में सोमवार देर शाम से लगातार बर्फबारी हो रही है। वहां पर एक फुट तक ताजा हिमपात हो चुका है।