सोलन (एमबीएम न्यूज़): हिमाचल प्रदेश का सूचना एवम जन सम्पर्क विभाग इतना मुस्तैद है कि सूचना का अधिकार अधिनियम के बारे में 12 वर्ष बाद यह जानकारी आम लोगों को देने के लिए बाहर निकला है। विभाग ने एक जनसम्पर्क कार्यक्रम के दौरान लोगों को यह जानकारी दी कि प्रार्थी को 30 दिन के भीतर वांछित जानकारी उपलब्ध कराए जाने की बाध्यता है और जीने के संवैधानिक अधिकार के तहत सूचना 48 घण्टे के भीतर उपलब्ध करवाना जरूरी है।
विभाग ने अधिनियम में बिना कोई संशोधन के 12 वर्ष बाद अपना मुख खोला है। लोग इसे पैसे की बर्बादी के अतिरिक्त और कुछ नहीं मान रहे हैं।
विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बताया गया है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत आवेदक साधारण आवेदन की सूचना 30 दिन, जीवन या स्वतन्त्रता संबंधित आवेदन की सूचना 48 घण्टे तथा तृतीय पक्ष से संबंधित आवेदन की सूचना 40 दिन के भीतर प्राप्त कर सकता है। यह जानकारी रविवार को विशेष प्रचार अभियान के तहत सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा सोलन जिले के विकास खण्ड सोलन के कुमारहट्टी तथा चिल्ड्रर्न पार्क में पारम्परिक प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को प्रदान की गई।
विशेष प्रचार अभियान के दूसरे दिन कलाकारों ने लोगों को बताया कि यदि आवेदक को निर्धारित समय सीमा में लोक सूचना अधिकारी द्वारा उसके आवेदन पर लिया गया कोई फैसला प्राप्त न हो या आवेदक लोक सूचना अधिकारी के फैसले से संतुष्ट न हो तो उस व्यवस्था में सूचना का अधिकार अधिनियम में विभिन्न प्रावधान है। लोक सूचना अधिकारी के निर्णय के खिलाफ सरकारी विभाग के अपीलीय अधिकारी को अपील कर सकता है।
अपील लोक सूचना अधिकारी के आदेश के 30 दिनों के अन्दर की जानी चाहिए। अपीलीय अधिकारी के फैसले से यदि आवेदक असंतुष्ट है या फैसला अधिकतम 45 दिनों में नहीं लिया गया है, तब आवेदक अपील के फैसले के 90 दिनों के अन्दर राज्य सूचना आयोग को दूसरी अपील कर सकता है। कलाकारों ने लोगों को बताया कि अपील दायर करने के लिए किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं है तथा आदेश की कॉपी भी नि:शुल्क प्राप्त होती है।