हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : हिमाचल में ब्रेस्ट कैंसर से लडऩें के लिए अब बथुआ साग मदद करेगा। नेरी हर्बल गार्डन में बथुआ साग उगाया जाएगा। हर्बल गार्डन में बने पॉलीहाऊस में इस साग की किस्में उगाकर इस हर्बल औषधी पर शोध भी किया जाएगा। प्रदेश के ऊपरी स्थानों पर बथुआ साग को उगाया जाता है। उल्लेखनीय है कि कम तापमान पर ही यह चमत्कारी औषधी उगती है।
हमीरपुर के तापमान में इस साग को उगाना अंसभव है। लेकिन अब नेरी हर्बल गार्डन हमीरपुर इसे पॉलीहाऊस में उगाकर इसपर शोध करने की तैयारी की है। नेरी हर्बल गार्डन में 7 पॉलीहाऊस बने है। जहां पर इस साग को कम तापमान पर उगाया जाएगा। हिमाचल के किन्नौर,चंबा,रामपुर में इस साग को पांरपरिक तौर पर ऊगाया जाता है लेकिन कभी इस पर कोई शोध नहीं किया गया है। नेरी हर्बल गार्डन इसे हमीरपुर में उगाकर इस पर शोध करेगा।
कुछ माह पहले इसे नेरी स्थित खुले खेतों में उगाया गया था लेकिन उचित मौसम व तापमान न होने के कारण यह पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाया। वहीं जिला आर्युवेद अधिकारी विजय श्र्मा ने बताया कि आयुर्वेद में किए गए शोध के मुताबिक बथुआ को नियमित खाने से ब्रेस्ट कैंसर की आशंका कम हो जाती है। इसमें मौजूद सेलिनियम, ओमेगा.3 व 6 फैटी एसिड ब्रेस्ट कैंसर रोधक होते हैं।
इंचार्ज हर्बल गार्डन नेरी मदन लाल ने बताया कि हमीरपुर नेरी हर्बल गार्डन में बने पालीहाऊस में इस साग को ऊगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर हमीरपुर में इस औषधी को उगाने में सफलता मिल जाती है तो यह बहुत बढ़ी कामयाबी होगी।
इसलिए किया जाएगा शोध……
बथुआ साग को हमीरपुर में ऊगाने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि अगर इस साग को हमीरपुर में ऊगाने में सफलता मिल जाती है तो इसे मरीजों को दिया जा सकेगा। यही नहीं हमीरपुर के वासिंदों को बताया जाएगा की इसे अपने पॉलीहाऊस में उगाकर निम्न बीमारियों को रोका जा सकता है।
जोड़ों में दर्द में होगा सहायक……..
बथुआ साग के 10 ग्राम बीजों को करीब 200 मिलीलीटर पानी में उबालें। 50 मिलीलीटर बचने पर गर्मागर्म पिएं। ऐसा एक महीने तक सुबह.शाम करने से जोड़ों के दर्द में लाभ होता है। इसकी ताजी पत्तियों को पीसकर हल्का गर्म करें और दर्द वाले स्थान पर बांधें। इससे भी दर्द में आराम मिलता है।
पेट के रोग में …….
बथुआ की सब्जी मिलती रहे रोज इसकी सब्जी खांयें। बथुए का उबाला हुआ पानी पीयें। इससे पेट के हर प्रकार के रोग लीवर ,जिगर का रोग, तिल्ली, पुरानी कब्ज, गैस, कीड़े, दर्द, बवासीर और पथरी आदि रोग ठीक हो जाते हैं।
सफेद दाग, दाद, खुजली, फोड़ा, कुष्ठ और त्वचा रोग में……
बथुआ उबालकर निचोड़कर इसका रस पीये और सब्जी साग बना कर खायें। बथुए के उबले हुए पानी से त्वचा को धोयें। बथुआ के कच्चे पत्ते पीसकर निचोड़कर रस निकालें। 2 कप रस में आधा कप तिल का तेल मिलाकर हल्की आग पर गर्म करें। जब रस खत्म होकर तेल रह जाये तब छानकर किसी साफ साफ शीशी में सुरक्षित रख लें और त्वचा पर रोज लगायें। इस प्रयोग को लम्बे समय तक करने से सफेद दाग, दाद, खुजली, फोड़ा कुष्ठ और त्वचा के कई रोग ठीक हो सकते है।