नाहन (एमबीएम न्यूज): ट्रांसगिरि के शिलाई हलके में चौहान परिवार का राजनीति में वर्चस्व रहा है। 1967 के बाद के इतिहास पर नजर डाली जाए तो 11 विधानसभा चुनावों में 9 बार जीत हासिल हुई। 1967 से 1990 तक ठाकुर गुमान सिंह लगातार पांच चुनाव जीते। इसके बाद हर्षवर्धन चौहान ने 1990 के बाद पिता की विरासत को संभाला, लेकिन जगत सिंह नेगी के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
1993 से 2007 तक हर्षवर्धन चौहान ही विधायक बनते रहे। लेकिन 2012 में बलदेव तोमर ने परिवार का वर्चस्व तोड़ दिया। भाजपा के टिकट पर तोमर ने हर्षवर्धन चौहान को 1928 मतों के अंतर से हरा दिया। इस हलके से ठाकुर गुमान सिंह सूबे की राजनीति में एक बड़ा नाम रहे। 1977 से 1985 तक इस हलके के एक अहम चेहरे के तौर पर जाने, जाने वाले जगत सिंह नेगी ने भी गुमान सिंह चौहान को हराने की काफी कोशिश की। सफलता 1990 में बेटे को हराकर मिली। बेटे ने भी जगत सिंह नेगी को लगातार तीन चुनावों में मात दी।
इस हलके में 2007 का विधानसभा चुनाव भी काफी अहम रहा था। इस दौरान कांग्रेस के हर्षवर्धन चौहान का सीधा मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी अमर सिंह चौहान के साथ हुआ। भाजपा को तीसरे स्थान पर खिसकना पड़ा था। बहरहाल 2017 के विधानसभा चुनाव में मतदाता दिवंगत ठाकुर गुमान सिंह के बेटे हर्ष का हाथ पकड़ते है या नहीं, यह तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे। इतना तय है कि कांग्रेस की राजनीति इसी परिवार तक सिमटी रही है।