पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): टिकट हासिल करने की जद्दोजहद में लगे भाजपा के जिलाध्यक्ष सुखराम चौधरी ने पार्टी की सरदारी से किनारा कर लिया है। अपने खास हनुमान रामेश्वर शर्मा को कार्यवाहक जिलाध्यक्ष की कुर्सी सांैप दी है। पार्टी के भीतर कुछ न कुछ तो चला है, इसी कारण चौधरी को कुर्सी छोडऩी पड़ी। गद्दी छोडऩे के पीछे चुनाव की व्यस्तता बताई है।
सवाल उठता है कि जब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती संगठन की कमान संभालने के साथ-साथ चुनाव भी लड़ सकते हैं तो चौधरी क्यों नहीं। यह नहीं पता चल पाया कि चौधरी ने अपने ही स्तर पर यह फैसला लिया है या फिर पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को विश्वास में लिया है। कार्यवाहक जिलाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा का ताल्लुक रेणुका विधानसभा के धारटीधार क्षेत्र के भरोग बनेडी से है।
सनद रहे कि धारटीधार का यह क्षेत्र पुनर्सीमांकन से पहले पांवटा साहिब विस क्षेत्र का हिस्सा था। उस समय से ही शर्मा को चौधरी का दाहिना हाथ माना जाता रहा है। सरदारी छोडऩे के पीछे चौधरी चुनाव में व्यस्तता बता रहे हंै। बाहती बिरादी के बूते चौधरी का लक्ष्य दोबारा विधायक बनने का है, बशर्ते ही टिकट को समय रहते ही सुनिश्चित कर लें, क्योंकि मदन मोहन शर्मा भी टिकट की दौड़ में साथ-साथ चल रहे हैं।
अचानक ही पार्टी के जिलाध्यक्ष में तबदीली को लेकर यह बात भी स्पष्ट नहीं हुई है कि क्या भाजपा के तमाम मंडलों से चौधरी ने इस बारे कोई चर्चा की या नहीं। इतना जरूर साबित हो गया है कि संगठन की बजाय चौधरी ने सक्रिय राजनीति को तवज्जो दी है। गौरतलब है कि भाजपा के शीर्ष नेता जेपी नड्डा ने मंत्री का पद छोड़ कर संगठन को प्राथमिकता दी थी। इसी के बूते आज केंद्रीय मंत्री के तौर पर समूचे देश में पहचान बना चुके हैं।