पांवटा साहिब (एमबीएम न्यूज): सरकारी तंत्र की शायद यह नियती ही बन चुकी है, जब तक हादसा न हो या फिर सबकुछ ठप न हो जाए, तब तक चुप्पी साधे रहो। यह बात पांवटा साहिब से सतौन मार्ग पर कच्ची ढांक नामक जगह पर साबित हो रही है।
दरअसल नेशनल हाईवे का एक हिस्सा भू-स्खलन की जद में आ चुका है। यकीन कीजिए, जोखिम उठाकर वाहन इस जगह को पार कर रहे हैं। बस चालकों द्वारा सवारियों को उतारने के बाद क्रॉसिंग की जाती है, जबकि लोडिड ट्रक चल ही नहीं रहे हैं। समय रहते ही कदम उठा लिए जाएं तो संभावित बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है। गौरतलब है, जिस जगह पर सडक़ का हिस्सा भू-स्खलन की जद में आया है, ठीक उसके नीचे गिरि नदी पूरे उफान पर बह रही है।
उल्लेखनीय है कि इस जगह पर ट्रैफिक बाधित होने का सीधा-सीधा मतलब है कि समूचा शिलाई उपमंडल, पांवटा साहिब से कट जाएगा। गौरतलब है कि लालढांक-रोहडू हाईवे के जरिए ऊपरी शिमला भी सिरमौर के अलावा पड़ोसी राज्यों से जुड़ा हुआ है। अगर कच्ची ढांक में ट्रैफिक अवरुद्ध हो जाता है तो उस सूरत में शेष इलाके के लोगों को सतौन-ददाहू मार्ग का इस्तेमाल करना पड़ेगा, जो पहले से ही खस्ताहालत में है।
उल्लेखनीय यह भी है कि उत्तर भारत की सबसे बड़ी चूना मंडी भी सतौन में है। बहरहाल इलाके के लोगों ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को तस्वीरें भेजते हुए प्रशासन व एनएच विंग से जल्द से जल्द इस दिशा में उचित कदम उठाने की मांग की है।