कुल्लू (एमबीएम न्यूज) : कुल्लू एवं लाहौल स्पीति जिला की लोक कलाओं रहन-सहन, खानपान और लोक संस्कृति व परंपराओं को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से राजधानी शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान व गेयटी थियेटर में भाषा एवं संस्कृति विभाग के सौजन्य से चार दिवसीय मेसमराईजिंग कुल्लू व लाहौल स्पीति का आयोजन किया जा रहा है।
कुल्लू व लाहौल स्पीति के सांस्कृतिक उत्सव में वीरवार को प्रदेशवासियों सहित देश विदेश के पर्यटकों ने दोनों जिलों की समृद्ध सांस्कृतिक झलक के साथ-साथ परंपरागत व्यंजनों सिडू, मोमो, थुप्पा, चिलड़ा, नमकीन चाय और कुल्लवी धाम का भरपूर आनंद लिया। उत्सव के तीसरे दिन पदम देव व्यावसायिक परिसर में दोनों जिलों के स्वयं सहायता समूहों व अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा निर्मित हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पाद विशेषकर ऊनी कपड़ों से बनी कुल्लवी शाॅल, टोपी, मफलर जुराबे, आदि की खरीददारी के लिए लोगों की भारी भीड़ रही। सर्दियों में उपयोग होने वाले इन वस्त्रों की बिक्री होने से स्वयं सहायता समूहों और अन्य संस्थाओं के विक्रेता काफी खुश नजर आ रहे हैं।
रिज मैदान पर सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत शिवा सांस्कृतिक दल भूमतीर कुल्लू और छोयूल सांस्कृतिक दल लाहौल स्पीति ने पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ अपनी-अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।
सांयकालीन कार्यक्रमों के अंतर्गत गेयटी थियेटर में एक्टिव मोनाल एसोसिएशन कुल्लू द्वारा लाहौल स्पीति जिले की सुनी-भुंकु की प्रेम गाथा पर आधारित नाटक का मंचन किया। ये प्रेम गाथा लाहौल स्पीति के लोकगीतों में आज भी प्रचलित है।