हमीरपुर (एमबीएम न्यूज़) : विकास खंड बिझड़ी की डेढ़ दर्जन के करीब ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत भ्रष्टाचार व सरकारी धन का
दुरूपयोग व गबन का मामला प्रकाश में आया है। आरटीआई कार्यकर्ता यशपाल सिंह गाँव जांगली तहसील बडसर द्वारा मांगी गई मनरेगा के तहत फर्स्ट ऐड बॉक्स व टमप्रेली शैड से संबंधित सूचना में इस बात खुलासा हुआ है। विकास खंड बिझड़ी की डेढ़ दर्जन के करीब पंचायतों के नाम से कैश बुक में ऑनलाइन बिल काटे गये है, जबकि संबंधित पंचायतों ने हकीकत में यह सामान खरीदा ही नहीं गया है और न ही इस प्रकार का कोई सामान पंचायतों के पास पंहुचा है।
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आरटीआई सूचना के जबाब में पंचायतों ने लिखित में यह स्पष्ट किया है कि उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं है और न ही उन्होंने इस प्रकार का मनरेगा के तहत कोई सामग्री खरीदी है। आरटीआई सूचना के अनुसार पंचायतों के स्टाक रजिस्टर में उक्त समग्री से संबंधित कोई इंद्राज किया गया है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी आदेशों व नियमों की जानबूझ कर उलंघना कर सरकारी धन का गबन व दुरूपयोग किया गया है।
यशपाल सिंह द्वारा आरटीआई एक्ट 2005 के तहत विकास खंड बिझड़ी की ग्राम पंचायतों में मनरेगा से संंबंधित फस्र्ट ऐड बॉक्स व टमप्रेली शैड तरपाल इत्यादि से सम्बधित विलों के बारे में सूचना मांगी गई थी। रैली, जजरी, घोड़ी-धबीरी, भकरेडी, मक्कड़, करेर, बल्ह बिहाल, बिझड़ी, दंदवीं, कलवाल, सोहारी, झंझयानी, समताना, कलां, मोर्सू सुल्तानी, लोहडर व बड़सर इत्यादि पंचायतों के मनरेगा से
संबंधित फर्स्ट ऐड बॉक्स व टमप्रेली शैड के आनलाइन बिल कटे हुए है। जबकि इन ग्राम पंचायतों में उक्त समग्री की कोई खरीद नहीं हुई है और न ही इन पंचायतों में इस प्रकार को कोई सामान पंहुचा है। बिझड़ी की पंचायतों में हुए इस बड़े पैमाने पर गोलमाल व सरकारी धन के दुरूपयोग के पीछे विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्ता को दर्शाता है
मनरेगा योजना के तहत फास्ट ऐड बॉक्स व अस्थाई शैड की खरीद से सम्बधित आनलाइन विलों के काटने के मामले की शिकायत विभाग के पास आरटीआई कार्यकर्ता के माध्यम से पंहुची है। पुरे मामले की छानबीन की जा रही है। एसईबीपीओ बिझड़ी द्वारा पंचायत दर इस पुरे मामले की जांच की जा रही है। बिलेंद्र सिंह, विकास खंड अधिकारी बिझड़ी