ऊना (एमबीएम न्यूज) : शहर के गलुआ मेें अपहरण की सूचना से जिला भर में नाकेबंदी कर दी गई। नाकेबंदी के करीब 30 मिनट पुलिस को ज्ञात हुआ है कि गलुआ में अपहरण नहीं, बलिक पुलिस की एसआईयू टीम द्वारा फिल्मी स्टाईल में की गई दबिश थी। सच्चाई मिलने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। हैरत की बात यह है कि पुलिस की एसआईयू टीम द्वारा दी गई दबिश की सूचना एसपी तक को भी नहीं थी। मीडिया द्वारा मिली जानकारी के बाद एसपी ने मामले का सच जानने की बात कही है।
बता दें कि पुलिस को बुधवार गुप्त सूचना मिली थी कि गलुआ मोड़ पर पंजाब के दो युवक नशे की खेप लेकर खड़े है। देर शाम पुलिस की एसआईयू टीम ने तुंरत कार्रवाई करते हुए गाड़ी लेकर मौके पर पहुंची। पुलिस को देख एक युवक फरार हो गया, जबकि दुसरे युवक को पुलिस ने काबू कर गाड़ी में बिठाने की कोशिश की । गलुआ में हंगामा होते देख लोग एकत्रित हो गए, लेकिन पुलिस की टीम ने जैसे-तैसे युवक को काबू कर गाड़ी में बैठा लिया और थाना ले गए। जहां पर युवक से पूछताछ की जा रही है। वहीं फरार हुए युवक के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। एसपी संजीव गांधी ने बताया कि इस बारे कोई सूचना नहीं है। मामले को लेकर पता किया जाएगा।
गाड़ी का नंबर आखिर क्यों बदला
गलुआ में मोड़ पर हंगामा होता देख लोगों का हजूम एकत्रित हो गया। लोगों ने पुलिस को 100 नंबर पर सूचना दी कि कुछ युवक चंडीगढ़ की गाड़ी में सवार होकर आए हैं और एक युवक को जबरदस्ती गाड़ी में बैठा कर ले गए। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने जिला भर में नाकेबंदी कर दी। अब सवाल यह है कि ऊना पुलिस की एसआईयू टीम को गाड़ी का नंबर बदलकर चंडीगढ़ कर नंबर क्यों लगाना पड़ा। अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। इसको लेकर स्थानीय लोगों के मन में भी सवाल है।