कुल्लू (एमबीएम न्यूज) :
आज की युवा पीढ़ी आधुनिकता की चकाचौंध में पाश्चात्य गीत संगीत को तवज्जो दे रही है। वहीं लाहौल की लला मेमे लला मेमे फाऊंडेशन लाहुली युवाओं को अपनी पारंपरिक व पुरातन गीत संगीत व संस्कृति से रूबरू करवाने का सार्थक प्रयास कर रही है। लाहौल-स्पीति के पारंपरिक लोक संगीत के वरिष्ठ व वृद्ध जानकारों के सहयोग से युवा पीढ़ी को रूबरू करवाने के लिये एक सार्थक प्रयास किया जा रहा है।
9 मई के कार्यक्रम के लिए अभ्यास करते हुए युवा कलाकार
इस संदर्भ में लला मेमे फाऊंडेशन की रक्तदान समिति के संयोजक कृष ठाकुर ने बताया कि फाऊंडेशन द्वारा लाहौल-स्पीति छात्र संघ कुल्लू, शिमला व चंडीगढ़ तथा लायुल सुर संगम व लाहुल कर्मचारी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में 9 मई को शिमला के गेयटी थियेटर में स्वांगला पीति वेणु (लाहुल स्पीति बांसुरी) समागम के नाम से एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उनका मानना है कि पश्चिमी हिमालय में स्थित लाहौल-स्पीति एक प्रमुख साधना स्थली रहा है और यहां सदियों से बांसुरी की धुनों पर विभिन्न रागों की उत्पति होती रही है जो लाहुली जनजीवन का हिस्सा बनती गई।
कृष ठाकुर का कहना है कि जीवन से मृत्यु तक की विभिन्न घटनाओं के संदर्भ में भी यहां अनेक राग विकसित हुए हैं जो संभवत: देश के किसी भी अन्य जनजातीय क्षेत्र में नहीं मिलते हैं। लला मेमे फाऊंडेशन के कृष ठाकुर का कहना है कि बांसुरी वादन से जुड़े राग व संगीत लाहुलियों के जन जीवन की महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसके संरक्षण के लिए सभी को मिलजुल कर गंभीर प्रयास करने होंगे। तभी इस पारंपरिक विरासत को अगली पीढ़ी के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है।
कृष ठाकुर का मानना है कि अगर शीघ्र ही इसके संरक्षण के लिए कार्य नहीं हुआ तो यह कला लुप्त हो जाएगी। उन्होंने बताया कि घाटी में आज भी अनेकों संगीतकार ऐसे हैं जिन्हें इस विद्या का बेहतर ज्ञान है लेकिन युवा पीढ़ी को इससे रूबरू करवाने का कोई सशक्त माध्यम न होने की वजह से इसके आस्तित्व पर संकट के बादल मंडराए हुए।
कृष ठाकुर के मुताबिक इस दिशा में एक सार्थक पहल करते हुए लाहौल-स्पीति की कुछ जागरूक संस्थाओं ने बांसुरी और निशान के इन रागों को संरक्षित व युवा पीढ़ी को इससे रूबरू करवाने के लिए 9 मई को शिमला में यह कार्यक्रम रखा है, जिसमें देश भर के कलाकार व कला पारखी शिरकत करेंगे। उनके मुताबिक इस आयोजन को लेकर लाहौल से जुड़े लोगों में भारी उत्साह है। जबकि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिये युवा कलाकार अभ्यास मेें जुट गये हैं।
उन्होंने बताया कि अभी तक 9 मई को कार्यक्रम देने वालों की सूची में लगभग 80 नाम जुड़ चुके है और कार्यक्रम देने वालों की सूची रोजाना लंबी होती जा रही है। उन्होंने बताया कि आयोजन को लेकर सारी तैयारिया पूरी हो चुकी हैं और कार्यक्रम में पहुंचने वालों के आने जाने, ठहरने व खाने पीने की सारी व्यवस्था भी हो चुकी है।