संगड़ाह (एमबीएम न्यूज़) : अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी की स्मृति में उनके गृहनगर संगड़ाह मे बनने वाला पार्क यूं तो पिछले पिछले करीब एक दशक से अधिकारियों की लापरवाही व सियासी कारणों से लंबित रहा है, मगर गत मार्च माह से उक्त पार्क ग्राउंड वर्क पूरा हो जाने के बावजूद चार बेंच न मिलने के हैरतअंगेज कारण से रुका है। पिछले 4 महीने मे करीब एक लाख का बजट उपलब्ध होने के बावजूद विभाग अथवा पंचायत को लोहे के चार बेंच न मिलने से किंकरी देवी समर्थकों मे नाराजगी है।
खंड विकास अधिकारी जहां पार्क के लिए लाए जाने वाले चार बैंच के लिए उपलब्ध राशि जारी करने की बात कह रहे हैं, वहीं सम्बंधित पंचायत पदाधिकारियों के अनुसार पंचायत के खाते में अब तक उक्त राशि नही पहुंची। उक्त पार्क के लिए पंचायत द्वारा दी गई अपनी 108 में से 1 बीघा जमीन पर तकनीकी अड़चने आने के बाद की किन्करी देवी के परिजनों द्वारा 421 वर्ग मीटर मे बनने वाले इस पार्क के लिए अपनी जमीन दी गई। उन्हीं की भूमि पर ग्राउंड वर्क पूरा हो जाने के बाद अब बेंच लगने का कार्य लंबित है।
विगत 6 मई को केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम तथा सांसद वीरेंद्र कश्यप द्वारा संगड़ाह मे उक्त पार्क को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों व किंकरी देवी के परिजनों से पूछताछ किए जाने के बाद हालांकि गत 9 मई हो बीडीओ संगड़ाह द्वारा पार्क निर्माण स्थल का निरीक्षण किया गया, मगर यहां लगने वाले करीब एक लाख के चार बैंच उपलब्ध नही हो सके।
लंबी जद्दोजहद के बाद शुरू हुआ था पार्क निर्माण
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी के 30 दिसंबर 2007 को पंचतत्व में विलीन होने के बाद ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा उनकी स्मृति में पार्क बनाये जाने का मुद्दा उठाया गया था तथा 2008 में उनके घर शोक जताने पहुंचे तत्कालीन सांसद ने उक्त पार्क के लिए एक लाख की सांसद निधि जारी की थी। लंबे अरसे तक उक्त राशि खर्च न होने के चलते लैप्स हो गई तथा करीब वर्तमान सांसद विरेन्द्र कश्यप ने फिर से इस पार्क के लिए तीन लाख की सांसद निधि जारी की।
पंचायत द्वारा अपनी पार्क के लिए एक बीघा जमीन दिए जाने के बाद 14 जून 2016 को तत्कालीन बीडीओ संगड़ाह द्वारा इस पार्क के वर्क आर्डर जारी किए गए। ग्राउंड वर्क शुरू होने के बाद जुलाई 2017 मे विभाग ने फॉरेस्ट क्लीयरेंस न होने का हवाला देकर निर्माण कार्य रुकवा दिया। हरिजन लीग की हिमाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष केएल कौंडल, क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों व किंकरी देवी समर्थको द्वारा पार्क निर्माण रुकने को लेकर देश के प्रधानमंत्री को शिकायत पत्र भेजे जाने के बाद पीएमओ द्वारा पहली अगस्त 2016 को इस बारे प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए।
किंकरी देवी के परिजनों द्वारा पार्क निर्माण के लिए अपनी जमीन दिए जाने के बाद गत 30 दिसंबर को उनकी पुण्यतिथि पर एक बार फिर पार्क निर्माण कार्य शुरू हुआ, जो गत मार्च माह में पूरा हो चुका है।
जीते जी भी उपेक्षा का शिकार रही पहाड़ी झांसी
मरते दम तक पर्यावरण के दुश्मनों व खनन माफिया की छाती पर मूंग दलने वाली साहस की प्रतिमूर्ति किंकरी देवी का पार्क जहां विगत दशक से विभिन्न अड़चनों के चलते तैयार नही हो सका, वहीं जीते जी भी किंकरी देवी घौर उपेक्षा का शिकार रही। प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2001 में स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित व रानी झांसी की उपाधि से अलंकृत किंकरी देवी को वर्ष 1998 में चीन के बीजिंग में पांचवें अंतर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का शुभारंभ करने के लिए भी जाना जाता है।
खनन माफिया व पर्यावरण के दुश्मनों से लोहा लेने के लिए अपना मंगलसूत्र व पालतू पशुओं तक को बेच देने वाली इस पर्यावरण प्रेमी के नवम्बर 2007 मे गुर्दे खराब होने पर परिवार के पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे तथा इन्हें सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली। ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा उनके इलाज के लिए हेल्पलाइन शुरू किए जाने के बाद हालांकि इन्हें पीजीआई चंडीगढ़ मे दाखिल करवाया गया, मगर डॉक्टरों के अनुसार तब तक काफी देर हो चुकी थी।
पंचायत सचिव व प्रधान के अनुसार खंड विकास कार्यालय से किंकरी देवी पार्क के मे लगने वाल चार बेंच के लिए आखिरी किस्त अथवा निर्धारित राशि मिलना शेष है। बीडीओ सगड़ाह रमेश शर्मा ने कहा कि पंचायत को उक्त पार्क में बेंच लगाने अथवा शेष कार्य के लिए निर्धारित राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि स्थानीय पंचायत प्रधान आज ही किंकरी पार्क के लिए चार बेंच लाने की बात कह रहे हैं। बीडीओ ने कहा कि सप्ताह भर के भीतर पार्क का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।