नाहन (एमबीएम न्यूज): सिरमौर के पिछड़े क्षेत्र में जन्मी दिवंगत पर्यावरणविद किंकरी देवी ने खनन माफिया की चूलें हिलाकर रख दी थी। 80 के दशक में जंग शुरू की, 1991 में प्रदेश हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय देते हुए 71 अवैध खानें बंद कर दी। ऐसी महिला जिसको पर्यावरण प्रेम के लिए संपूर्ण विश्व में पहचान मिली हो, मगर उस महिला की स्मृति में चंद लाख रुपए से प्रस्तावित पार्क सियासत की भेंट चढ़ा दिया गया है।
14 जून 2016 को बीडीओ संगड़ाह ने काम शुरू करने के लिए वर्क ऑर्डर जारी कर दिए, लेकिन बाद में काम रुकवा दिया गया। बताया जा रहा है कि काम रुकने की वजह यह थी, क्योंकि 30 जून 2016 को भाजपा के सांसद वीरेंद्र कश्यप इस पार्क का शिलान्यास करने जा रहे थे। यहां के विधायक खुद सीपीएस विनय कुमार हैं, लिहाजा कांग्रेसियों को यह बात रास नहीं आई। अब इस पार्क के निर्माण के लिए फोरेस्ट क्लीयरेंस की बात की जा रही है।
सवाल उठता है कि मिनी सचिवालय व 33 केवी सब स्टेशन के अलावा ज्यूडिशियल कोर्ट, भवन आदि का निर्माण जारी है तो एक विश्व स्तरीय शख्सियत के लिए पार्क क्यों नहीं बनाया जा सकता। इस 30 दिसंबर को नामी पर्यावरणविद के देहांत को नौ साल पूरे हो जाएंगे, मगर उनके सम्मान में एक अदद पार्क का निर्माण अब तक संभव नहीं हो पाया है।
4 जुलाई 1940 को दलित परिवार में जन्मी किंकरी देवी का विवाह 14 साल की अल्प आयु में हो गया था। 20 साल की उम्र में विधवा हो गई। 1982 में अवैध चूना खदानों के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया।