मंडी(वी कुमार): सराज क्षेत्र में एक नेत्रहीन युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले में राष्ट्रीय एससीएसटी आयोग ने पीडिता के घर का दौरा किया और उसकी परिस्थियों का जायजा लिया। एससीएसटी आयोग ने जिला प्रशासन को रेप पीडिता को उचित मुआवजा और सहायता तुरन्त प्रभाव से देने के निर्देश दिए। राष्ट्रीय एससीएसटी आयोग की सदस्या डा. स्वराज विद्वान ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए यह जानकारी दी। डा. स्वराज का कहना है कि देवभूमि में इस तरह की घटनाए हृदय स्पर्शी है ,लेकिन ऐसे समय में पीडित युवती की मदद करने कोई नही आया।
उन्होंने प्रदेश सरकार को संवेदनहीन करार देते हुए कहा कि प्रदेश में किसी विकलांग और अनुसूचित जाति व जनजाति युवती के साथ समूहिक दुराचार होता है लेकिन ऐसे में प्रदेश सरकार का कोई प्रतिनिधी मदद के लिए आगे नहीं आता है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने कहा कि और तो और हिमाचल प्रदेश का एससी व एसटी निगम, महिला आयोग और न ही किसी तरह के संगठन पीडित युवती को सहायता प्रदान करने के लिए नहीं पहुंचे। राष्ट्रीय एससी व एसटी आयोग ने इस संदर्भ में जिला प्रशासन को रेप पीडिता को केन्द्र सरकार से मिलने वाली लगभग 8 लाख की धनराशी यथाशीघ्र देने के निर्देश दिये। साथ ही इन्होनें प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को भी इस मामले में विभिन्न निगमों और आयोगों की लापरवाही को मद्देनजर उचित कार्यवाही करने का आग्रह भी किया है।
डा. स्वराज विद्वान ने बताया कि अभी पीडित युवती अस्वस्थ चल रही है और उसने पढने का इच्छा जाहिर की है ,जिसके लिए राष्ट्रीय एससीएसटी आयोग अपनी तरफ से पूरा सहयोग करेगा। इन्होने आम लोगों और सामाजिक और धर्मिक संगठनों से भी युवती की हर सम्भव सहायता करने की अपील की है। डा. स्वराज ने आयोग के पास इस तरह के मामले को पहुंचाने के लिए मीडिया का धन्यवाद भी किया है जिसके तहत आयोग पीडिता की मदद करने उसके घर पहुंच सका।