बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा) : ट्रक ऑपरेटरों के हक़ के पैसे के लिए हर पक्ष-प्रतिपक्ष के नेता ने अपनी सहमति जताई और समर्थन का पूर्ण विश्वास दिलाया है। बागा महिला मंडल प्रधान चम्पा देवी ने बताया कि जेपी कम्पनी ने पहले औने-पौने दाम देकर हमारी जमीन छीन ली। रोजगार के नाम पर जो गाड़ियां डाली, वो भी माल-भाड़ा न देने के कारण फाइनेंसर उठा कर ले गए।
हमारा रोजगार का एक मात्र सहारा था वो भी हम से छीन गया। अब महिलाएं भी चुप नही रहंगे अगर जेपी कंपनी ने हमारा माल भाड़ा न दिया तो हम महिलाएं भी ऑप्रेटर्ज भाइयों के साथ आंदोलन पर बैठ जाएंगी। शालूघाट में जेपी कंपनी से ट्रक ओपेरटरों का 30 करोड़ माल भाड़ा लेने बारे 4 ट्रक ऑपरेटरों का आमरण अनशन चौथे दिन में प्रवेश कर गया।
शालूघाट-बागा में हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से पूर्व सांसद सुरेश चंदेल, कोटकहलूर (श्री नैना देवी जी) विधानसभा क्षेत्र से विधायक रणधीर शर्मा, हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस महासचिव संजय अवस्थी , हिमाचल प्रदेश से सीपीआई के सचिव प्रवेश चंदेल, दाड़लाघाट से एसडीटीओ के प्रधान रतन मिश्रा, पूर्व विधायक केके कौशल, मांगल पंचायत से महिला मंडल बागा, पडियार, कंधर, सहनाली और बिलासपुर के छकोह, सोलधा के महिला मंडल एवम सैंकड़ो ट्रक ऑपरेटरों ने आमरण अनशनकारियों का हाल चाल जाना और 100 प्रतिशत अपना समर्थन देने का ऐलान किया।
प्रवक्ताओं ने अपने-अपने संबोधन में हिमाचल सरकार से गुहार लगाई कि जल्द से जल्द इस समस्या का निपटारा किया जाए और 4000 ट्रक ऑपरेटरों और उनके पीछे जुड़े परिवारों को न्याय दिलाया जाए। महिलाओं और बच्चों ने भी आंदोलनकर्ताओं का समर्थन करने के लिए शालूघाट में अपनी उपस्थिति दी। ट्रक ऑपरेटरों का दुख दर्द समझने के लिए शालुघाट में एक ही मंच पर हर पार्टी के नेता अपना समर्थन दिया।
जब इलाके के सभी लोग, सभी नेता और अन्य यूनियन भी संघर्ष समिति का साथ दे रही है और उनकी आवाज का हिस्सा बन रही है तो हिमाचल सरकार पर किस बात का दबाब है जो जेपी कंपनी से माल भाड़ा दिलवाने में विलंब कर रही है और जेपी कंपनी किस के साये में अपना काम निकलने में लगी है एक अपने आप में रहस्य बन गया है। यहां ट्रांसपोर्टरों की हालत बद से बदतर होती जा रही है, लेकिन प्रशासन व सरकार किस गहरी नींद में सोई हुई है।
अनशन पर बैठे दौलत सिंह ठाकुर ने बताया कि आज अनशन का चौथा दिन भी बीतने जा रहा है लेकिन जेपी कंपनी की तरफ से हमारे माल भाड़े को देने के प्रति कोई प्रतिक्रिया देखने को नही मिल रही है। उन्होंने चेताया कि अब हम माल-भाड़ा लेकर ही उठेंगे, अन्यथा हमे अपने प्राण गवाने पड़ेंगे लेकिन अपने ओपरेटर भाइयों की हक और मेहनत की कमाई के लिए अगर हम चारों को जान भी गवाने पड़े तो हमसे भी गुरेज नही करेंगे।
आज हाल ये है कि ऑपरेटरों की गाड़ियां रोड में यहां वहां खड़ी है और चोर उनके टायर व कीमती सामान उठाकर ले जा रहे है। ऑपरेटरों पर तो सिर मुंडाते ओले पड़ने वाली कहावत सिद्ध हो रही है कि वे कंपनी से आंदोलन करके अपने पैसे लें या अपनी गाड़ियों की चौकीदारी करते है। अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो इस इलाके में हालात बहुत खराब हो जायेगे। जब सरकार व प्रशासन के पास सिवाए पछतावे के कुछ हाथ नही लगेगा ।