शिमला (एमबीएम न्यूज़): हिमाचल विधानसभा ने शनिवार को सर्वसम्मति से जीएसटी विधेयक पारित कर दिया। जीएसटी पर राज्य विधानसभा की मुहर लगाने के लिए बुलाए गए विशेष सत्र के दूसरे दिन में राज्य के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस विधेयक को चर्चा के लिए पेश किया। इस पर सता पक्ष के विधायकों ने इसका पूरा समर्थन किया और दोनों पक्षों की पूरी सहमति से इस विधेयक को हरी झण्डी दे दी गई।
वीरभद्र सिंह ने बताया कि जीएसटी पर अमल के बाद पूरे देश में एक तरह की कर प्रणाली हो जाएगी तथा लोगों को किसी तरह की बाधा नहीं आएगी। सिंह ने कहा कि देश की कर प्रणाली में सुधार का दौर 80 के दशक में शुरू हो गया था। यूपीए सरकार वर्ष 2011 में जीएसटी बिल लेकर आई थी, कई बार इस पर लोकसभा में चर्चाएं हुई, लेकिन सहमति नहीं बन पाई थी।
उन्होंने कहा कि जीएसटी के लागू होने से हिमाचल को लाभ पहुंचेगा। उद्योग क्षेत्र को फायदा पहुंचेगा और कई उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी और देश की जीडीपी सुधरेगी। इसके अलावा कर प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।
नेता प्रतिपक्ष धूमल ने कहा कि जीएसटी उपभोक्ताओं के हित में है और मोदी सरकार द्वारा लाया गया स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है। वस्तुओं पर लगने वाले असीमित करों से लोगों को निजात मिलगी और सभी एकल कर प्रणाली के दायरे में आएंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया के 150 देशों ने इस प्रणाली को लागू किया है और इससे उनकी जीडीपी डेढ फीसदी से बढ़कर दो फीसदी पहुंच गई है। धूमल ने कहा कि बेशक जीएसटी लाने के लिए यूपीए शासन में प्रयास हुए थे, लेकिन मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ही यह योजना सिरे चढ़ पाई।
धूमल ने कहा कि 1200 वस्तुओं पर जीएसटी की दर तय कर दी गई। 7 फीसदी वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। 14 फीसदी वस्तुओं पर 5 फीसदी, 17 फीसदी वस्तुओं पर 12 फीसदी, 43 फीसदी वस्तुओं पर 18 फीसदी और 19 फीसदी वस्तुओं पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा। उन्होंने कहा कि गेहूं, चावल, दूध और दहीं जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त रखा गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक उपभोक्ता राज्य है और इसे जीएसटी के लागू होने से विशेष फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी से जिन प्रदेशों के राजस्व को हानि होगी, उनकी क्षतिपूर्ती केंद्र सरकार करेगा।
भाजपा के सुरेश भारद्वाज ने कहा कि जीएसटी से हिमाचल के विनिर्माण क्षेत्र को बढावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय में सबसे पहले कर सुधारों पर कार्य शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि अब लोगों को इनकम टैक्स और कस्टम टैक्स को छोड़कर वस्तुओं पर लगने वाले अन्य सभी टैक्स अब नहीं लगेंगे।
खाद्य आपूर्ति मंत्री जीएस बाली ने जीएसटी को एक अहम आर्थिक सुधार बताते हुए इसके पीछे कांग्रेस पार्टी की भमिका का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा व राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी की सहमति से ही यह बिल पारित हो पाया है। कांग्रेस के कुलदीप कुमार ने भी जीएसटी पर चर्चा में हिस्सा लिया। इस बिल पर चर्चा करीब एक घंटे चली और फिर विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।