– बीएसएनएल के साढे 3 हजार कर्मचारियों ने शुरू की दो दिवसीय हडताल
शिमला। शैलेंद्र कालरा
देश की निजी मोबाईल कंपनियों पर केंद्र सरकार की मेहरबानी को लेकर राज्य में बीएसएनएल के लगभग साढे 3 हजार कर्मचारियों ने मंगलवार से दो दिवसीय हडताल शुरू कर दी है। हालांकि हडताली कर्मचारी संगठन इस बात की दलील दे रहे है कि हडताल के दौरान बीएसएनएल की सेवाएं ठप्प करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन राज्य के अलग-अलग हिस्सों से बीएसएनएल की ब्राडबैंड की सेवाएं बुरी तरह से ठप्प होने की खबरें मिली है। सिरमौर, सोलन व शिमला के अलावा अन्य जिलो में भी ब्राडबैंड सेवाएं ठप्प होने की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है। हालांकि देर दोपहर तक मोबाईल से मोबाईल कनैक्टिविटी के अलावा लैंडलाइन सेवाएं सुचारू रूप से चल रही थी लेकिन हडताली कर्मियों का कहना है कि सेवा ठप्प होने पर शिकायत को अटैंड नहीं किया जाएगा। हडताल के दौरान सेवाएं प्रभावित होने की जानकारी जब बीएसएनएल मंडल शिमला के मुख्य महाप्रबधंक एसके गुप्ता के संज्ञान में लाई गई तो उन्होंने कहा कि हरेक एसएसए (सैकेंडरी स्विचिंग एरिया) के महाप्रबधंक को हडताल के दौरान उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान रखने के निर्देश दिए गए है। उधर बीएसएनएल (यू) के मंडल सचिव एचएल स्याल ने कहा कि बीएसएनएल को लेकर एनडीए व यूपीए की एक जैसी नीतियां रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब निजी कंपनियां अपने नेटवर्क को बढाने में लगातार लगी हुई है तो केंद्र सरकार बीएसएनएल को उपकरण खरीदने की अनुमति क्यों नहीं देती है। उन्होनें कहा कि 4-5 साल फाईलें मंत्रालय में लटकी रहती है। यूनियन नेता ने कहा कि धरातल पर बीएसएनएल के कर्मचारियों को उपभोक्ताओं की खरी खोटी सुननी पडती है जबकि हकीकत कुछ और होती है।
क्या है हिमाचल में स्थिति
राज्य में बीएसएनएल का सालाना टर्न ओवर 400 से 500 करोड के बीच है। लैंडलाइन उपभोक्ताओं की संख्या ढाई लाख के आसपास है जबकि मोबाईल उपभोक्ताओं का आंकडा 15 लाख को छू रहा है। ब्राडबैंड कनेक्शन की संख्या भी 1 लाख पहुंच चुकी है। बीएसएनएल के मोबाईल व ब्राडबैंड आम लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके है यहीं वजह है कि हडताल को उपभोक्ताओं के बीच खासा हल्ला मचा हुआ है। आशंका है कि इस हडताल से बीएसएनएल को दो दिनों में लगभग 1 करोड रूपये का घाटा भी सहन करना पड सकता है।
क्या है हडताली कर्मियों की अहम मांगे ?
बीएसएनएल कर्मियों की देशव्यापी हडताल का असर हिमाचल में देखने को मिल रहा है। आलम यह है कि अधिकारियों को लैंडलाइन फोन भी खुद रिसीव करने पड रहे है। संयुक्त फोरम के तहत बीएसएनएल के कर्मचारियों के 6 संगठन हडताल में संगठित है इसमें कर्मचारियों की बी, सी व डी श्रेणियां शामिल है। लाईनमैन से एसडीओ स्तर के कर्मचारी हडताल पर है। राज्य में बीएसएनएल के एसएसए शिमला, सोलन, कुल्लू, हमीरपुर, धर्मशाला व मंडी में है। कर्मचारियों ने हडताल को लेकर 20 सूत्रीय मांगपत्र तैयार किया है इसमें उपकरणों की खरीद के अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को विलय के फायदे इत्यादि शामिल है।