शिमला (एमबीएम न्यूज़) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां जारी एक प्रेस व्यक्तव्य’ में सिरमौर जिला के शिलाई क्षेत्र में कथित तौर पर लड़कियो की तस्करी के संदर्भ में प्रकाशित समाचार से के संदर्भ में कहा है कि जिस प्रकार एक समाचार पत्र मनगढ़ंत और तुच्छ समाचारों को प्रकाशित कर रहा है, वह बहुत आपत्तिजनक व अपमानजनक है।
उन्होंने कहा कि इन समाचारों ने प्रदेश, विशेषकर सिरमौर जिला के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इस तरह का कोई भी मामला पुलिस के संज्ञान में नहीं आया है और न ही कोई मामला दर्ज हुआ है। विवाह की आड़ में लड़कियों की तस्करी पूर्ण तौर पर धोखाधड़ी है और इस प्रकार के समाचारों से विशेष तौर पर सिरमौर जिला के शिलाई व गिरी पार क्षेत्रों की महिलाएं आहत हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित समाचार पत्र को इस तरह की अनैतिक पत्रकारिता एवं अभद्र भाषा के प्रयोग के लिए क्षमा मांगनी चाहिए। हिमाचल प्रदेश एक शांतप्रिय राज्य है और राज्य के लोगों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली ऐसे अपमानजनक समाचार जो खासतौर पर महिलाओं और लड़कियों से जुड़े हैं, उन लोगों की मनोवृति को दर्शाते हैं जो महिला शक्ति को बदनाम करने में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 2 दिसम्बर, 2016 को प्रकाशित इस समाचार पत्र की सुर्खियां बेहद अप्रिय व अपमानजनक थीं, जिससे जन भावनाएं आहत हुईं हैं।
महिला आयोग की अध्यक्षा ने इस क्षेत्र का दौरा किया और आरोपों को निराधार पाया। तथ्य यह है कि पिछले कुछ समय में सामान्य तौर पर कुछ विवाह हिमाचल प्रदेश के बाहर हुए हैं और जो लोग इस षड़यंत्र में शामिल थे, उन्हें यह पूछने का कोई अधिकार नहीं है कि प्रदेश की लड़कियों, जिनमें सिरमौर जिला की लड़कियां भी शामिल है, प्रदेश के बाहर विवाह क्यों कर रहीं हैं?
वीरभद्र सिंह ने कहा कि संबंधित समाचार पत्र के लिए बेहद शर्मनाक और अनैतिक है कि इस तरह के समाचार प्रकाशित किए जो पत्रकारिता के सभी नैतिक मूल्यों की सीमा लांघ गए और तथ्यों पर भी आधारित नहीं हैं।
उक्त समाचार में क्षेत्र के पिछड़ेपन पर उठाए गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिलाई क्षेत्र पूरी तरह सड़क सुविधा से जुड़ चुका है और बहुत पहले ही शत-प्रतिशत विद्युतीकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब से हाटकोटी तक शिलाई राष्ट्रीय उच्च मार्ग 72-बी से जुड़ा हुआ है और अनेक सम्पर्क मार्गों का भी निर्माण इस क्षेत्र में किया गया है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि शिलाई क्षेत्र के विद्यार्थी तीन क्षेत्रीय महाविद्यालयों-शिलाई, कफोटा तथा आंज-भोज में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिनमें लड़कियों की संख्या लगभग अस्सी प्रतिशत है। प्रदेश सरकार ने लड़कियों को प्रारंभिक व उच्च शिक्षा उनके घर-द्वार पर सुनिश्चित बनाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है जिसका शिलाई प्रदेश का सबसे बेहतर उदाहरण है जहां स्कूलों व कॉलेजों में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है।
उन्होंने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शिलाई में कुल 918 विद्यार्थियां शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं जिनमें 600 की संख्या केवल लड़कियों की हैं। इसी प्रकार, शिलाई राजकीय महाविद्यालय में कुल 834 विद्यार्थियों में 456 की संख्या लड़कियों की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दूर-दराज क्षेत्रों में लड़कियां को घर-द्वार पर उच्च शिक्षा प्रदान करने की प्रदेश सरकार की पहल अत्यंत सफल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की लड़कियों को बदनाम करने की साजिश को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रदेश को बदनाम करने की ओच्छी राजनीति में संलिप्त लोगों का पर्दाफाश करने का आह्वान किया।