मंडी (वी.कुमार) : केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाईक का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में जल्द ही आयुर्वेदा का राष्ट्रीय संस्थान खोला जायेगा और यहां के आयुर्वेद को पर्यटन के साथ जोड़ा जायेगा। यह जानकारी केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक ने पंडोह में 2 करोड़ की लागत से बनने वाले पंचकर्म एवं योग खंड का विधिवत रूप से शिलान्यास करने के उपरांत पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान दी। इस मौके पर उनके साथ मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद राम स्वरूप शर्मा, प्रदेश सरकार के आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा सहित अन्य उच्चाधिकारी और नेतागण भी मौजूद रहे।
पंचकर्म एवं योगखंड का निर्माण पंडोह में निर्माणाधीन क्षेत्रीय आयुर्वेदीय पोषणजन्य विकास अनुसंधान संस्थान परिसर में किया जा रहा है। बनाये जा रहे खंड में 11 कुटीर, योग, उपचार और आहार की व्यवस्था होगी। यहां सारा उपचार आयुर्वेदा के अनुसार किया जायेगा और लोगों को पंचकर्मा की सारी सुविधाएं रियायती दरों पर उपलब्ध होंगी। उपचार के लिए आने वाले व्यक्ति के साथ एक अन्य व्यक्ति के रहने खाने की सुविधा भी यहां पर दी जायेगी। 2 करोड़ की लागत से बनने वाले इस खंड का निर्माण कार्य 5 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
पंचकर्म एवं योग खंड का शिलान्यास करने पहुंचे केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक ने कहा कि पंडोह में पहले से ही आयुर्वेद अुनसंधान संस्थान और अस्पताल का कार्य निर्माणाधीन है जबकि अब यहां पर पंचकर्म एवं योग खंड का भी लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आयुर्वेद की बहुत ज्यादा संभावनाएं हैं। इसी के चलते भारत सरकार ने प्रदेश में आयुर्वेदा के राष्ट्रीय संस्थान को खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार से इस बारे में प्रपोजल मांगी गई है और केंद्र की तरफ से आयुर्वेदा के विषय में प्रदेश को जो भी सहायता चाहिये होगी वह दी जायेगी।
इसके बाद श्रीपाद नाईक ने निर्माणाधीन अनुसंधान संस्थान और अस्पताल का भी दौरा किया और यहां जारी कार्य का जायजा लिया। बता दें कि पंडोह में 10 करोड़ की लागत से क्षेत्रीय आयुर्वेदीय पोषणजन्य विकास अनुसंधान संस्थान का निर्माण किया जा रहा है। इसका निर्माण भी केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अधीन ही हो रहा है। यहां पर अनुसंधान संस्थान के साथ 50 बिस्तरों वाले आयुर्वेदा अस्पताल की सुविधा भी मिलेगी। इसके साथ ही इंडोर और आउटडोर ओपीडी का लाभ भी मिलेगा। यह सारा परिसर करीब साढ़े सात बीघा जमीन पर बनाया जा रहा है। जनवरी 2017 तक इस कार्य के पूरा होने की उम्मीद है। कार्य पूरा होने के बाद इसका उदघाटन करके इसे जनता को समर्पित कर दिया जायेगा।