शिमला (शैलेंद्र कालरा): प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनाव की धडक़नें सुनाई देने लगी हैं। कांग्रेस में इस बात का संशय नहीं है कि किसे सीएम पद के
लिए प्रोजैक्ट किया जाएगा। लेकिन भाजपा में कमोवश परेशानी हो सकती है। भाजपा यह फार्मूला बना चुकी है कि 75 साल की उम्र पूरी करने वाले नेताओं को रिटायर कर दिया जाए। फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल इस फार्मूले की जद से बचते नजर आ रहे हैं।
पूर्व सीएम का जन्म हमीरपुर में 10 अप्रैल 1944 को हुआ। इस हिसाब से धूमल 73 साल तीन महीने के हुए हैं। विधानसभा चुनाव के वक्त पूर्व सीएम की उम्र तकरीबन 73 साल 8 महीने की होगी, लेकिन 75 से कम। बहरहाल अगर धूमल को इस फॉर्मूले से सीएम बनाया जाता है तो लगभग 1 साल बाद 75 के फेर में आ जाएंगे। दरअसल एक अरसे से राजनीतिक हलको के साथ-साथ आम लोगों में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की बढ़ती सक्रियता ने अटकलों को जन्म दिया है। इसके मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने सिपाही जेपी नड्डा को हिमाचल का मुख्यमंत्री बनता देखना चाहते हैं। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भी नड्डा पर वरद्धहस्त छिपा नहीं है।
यह भी बात सामंने आ चुकी है कि सांसद अनुराग ठाकुर को बीसीसीआई का चीफ बनना भी इसी रणनीति का हिस्सा था। जहां तक केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की उम्र का सवाल है तो नड्डा का जन्म 2 दिसंबर 1960 को बिहार के पटना में हुआ। इसके बाद नड्डा प्रदेश में छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे। दो बार विधायक बने। प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान वन मंत्री की कुर्सी छोड़ कर संगठन को चुन लिया। मौजूदा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा साढ़े 57 वर्ष के हो चुके हैं। यानि यंग माने जा सकते हैं, जिनके पास 75 के फार्मूले की जद में आने से पहले 19 साल का राजनीतिक जीवन है।
कुछ समय पहले यह भी चर्चा सामने आई थी कि सांसद अनुराग ठाकुर की अडजस्टमेंट के बाद नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल को किसी राज्य का गर्वनर बना दिया जाएं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है । कुल मिलाकर 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा व कांग्रेस को समय रहते ही पार्टी प्रत्याशियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी प्रोजैक्ट करने होंगे।
बहरहाल भाजपा के पास यह बेहतरीन फार्मूला हो सकता है कि 75 साल की उम्र तक धूमल को ही मुख्यमंत्री बना दिया जाएं। इसके बाद धूमल का इस्तीफा इस शर्त पर ले लिया जाएं कि वह 75 के हो चुके है। फिर नड्डा की ताजपोशी में कोई अड़चन भाजपा के सामने नहीं होगी।