शिमला, 10 अगस्त: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन शोकोदगार के बाद दोनों पक्षों में काफी गरमा गरमी हुई। विपक्षी दल कांग्रेस ने जयराम ठाकुर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया है। इस प्रस्ताव के माध्यम से सदन में चर्चा की मांग की गई है।
अहम बात यह है कि विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति दे दी है। इस प्रस्ताव पर वीरवार को सुबह 11 बजे से 3 बजे तक सदन में चर्चा होगी और इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री चर्चा का उत्तर देंगे। भोजनावकाश के बाद चार पूर्व सदस्यों पंडित सुख राम, प्रवीण शर्मा, मस्त राम और रूप सिंह चौहान को श्रद्धांजलि देने के बाद विपक्षी सदस्य सतारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। इस वजह से सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
विधानसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से पहले विपक्षी सदस्यों का नियमों के तहत हैड काउंट भी किया। हालांकि विपक्ष ने यह कहते हुए विधानसभा अध्यक्ष की व्यवस्था का विरोध किया कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बहुत कम समय दिया गया है और इसे बढ़ाया जाए। सत्ता पक्ष की ओर से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष की इस आपत्ति की कड़ा विरोध किया और कहा कि विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष अनावश्यक दबाव डाल रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार हर बात का डंके की चोट पर जवाब देने के लिए तैयार है। विपक्ष की ओर मुकेश अग्निहोत्री, हर्षवर्धन चौहान, राम लाल ठाकुर और आशा कुमारी ने चर्चा का समय बढ़ाने की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया।
दरअसल विपक्ष ने सत्र के पहले दिन ही विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार को नियम 278 के तहत अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था और इस पर तुरंत चर्चा की मांग की थी। शोकोद्गार के बाद नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा अध्यक्ष को दिए गए अविश्वास प्रस्ताव का मुद्दा प्वाइंट आफ आर्डर के माध्यम से उठाया। अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष के 23 सदस्यों के हस्ताक्षर वाला अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा गया है और इस पर सदन में तुरंत चर्चा की अनुमति दी जाए।
अग्निहोत्री का आरोप था कि जयराम ठाकुर सरकार लोगों का विश्वास खो चुकी है और प्रदेश में अराजकता का माहौल है।