नाहन (एमबीएम न्यूज): पीपल फॉर एनिमल संस्था (पीएफए) दिल्ली की टीम द्वारा मंगलवार को पांवटा साहिब के रामपुरघाट में स्थित एक फार्म हाऊस में दबिश देने के बाद बरामद किए गए वन्य प्राणियों के अवशेषों के मामले ने नया मोड़ लिया है। दरअसल फार्म हाऊस के मालिक सुरेंद्र व अमरजीत सिंह ने पुलिस के समक्ष बयान दिया कि यह फार्म हाऊस उन्होंने हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले एक ठेकेदार रविंद्र को दिया हुआ है। करीब 150 बीघा जमीन का ठेका रविंद्र के पास है।
इसके लिए बाकायदा हल्फिया बयान भी बनाया गया है, जिसे पुलिस के समक्ष पेश कर दिया गया है। जबकि दूसरी तरफ ठेकेदार रविंद्र भी पुलिस के सामने पेश हो गया है। रविंद्र का भी कहना है कि वन्य प्राणियों के यह अवशेष फार्म हाऊस में किसने रखे, उसे इसकी जानकारी नहीं है। यह अवशेष उसने यहां नहीं रखे हैं। ऐसे में दोनों पक्ष इस मामले में मुकर गए हैं। लिहाजा पुलिस अपने स्तर पर जांच कर रही है। अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
उधर इस मामले में वन्य प्राणियों के अवशेषों की तस्करी के मामले में किसी बड़े गिरोह के शामिल होने बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता। गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की ओर पीएफए को पांवटा में वन्य जीवों के प्रतिबंधित शिकार के बाद अंग व अवशेषों के अवैध कारोबार की शिकायत मिली थी। इसके बाद ही मंगलवार को पीएफए की विशेष टीम यहां पहुंची। इस दौरान टीम ने फार्म हाऊस से बारहसिंगा का सींग, तेंदुए का पंजा, 2 नाखून, कछुए का खोल, तेंदुए के दो दांत बरामद किए।
उधर पांवटा पुलिस थाना के एसएचओ लायक राम सिसोदिया ने बताया कि पुलिस ने वन्य प्राणी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने कहा कि अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। एसएचओ ने माना कि फार्म हाऊस का मालिक व ठेकेदार दोनों ही इन अवशेषों का यहां रखने की बात से इंकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अपने स्तर पर जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले से पर्दा उठा दिया जाएगा।