नाहन (शैलेंद्र कालरा): सिरमौर के नदी-नालों को छलनी कर पड़ोसी राज्यों में बहुमंजिला इमारतें बन रही थी। देश की राजधानी तक यहीं से खनन माफिया रेत-बजरी ले जा रहा था। शायद इसी बात से आहत होकर एसपी ने खनन माफिया के खिलाफ कमर कसी। एक मार्च से अवैध खनन करीब-करीब बंद पड़ा है। इस मुहिम को दिन-रात मेहनत कर एसपी सौम्या सांबशिवन व उनकी टीम ने सार्थक बनाया है। यही नहीं तकरीबन 15 दिन में 25 लाख रूपए की राशि सरकारी खजाने में जमा हुई है।
सिरमौर के एसपी कार्यालय के कर्मचारियों की एक महीने की तनख्वाह 18 लाख रूपए के आसपास है। यानि एसपी ने अपने कार्यालय की मार्च महीने की तनख्वाह कमाकर सरकारी खजाने को दे दी है। सूत्र बताते हैं कि एक करोड़ का लक्ष्य रखा गया है। अगर तयअवधि में अवैध खनन से एक करोड़ रूपए की राशि वसूल ली जाती है, तो यह अपने आप में एक रिकार्ड होगा। मार्च महीने में 22 में से 15 दिन एसपी व उनकी टीम ने अवैध खनन के खिलाफ दिन-रात सडक़ें नापी। तब जाकर यह परिणाम सामने आ रहा है। एक महीने पहले यमुना, गिरी, मारकंडा में सैंकड़ों ट्रैक्टर अवैध खनन में जुटे नजर आते थे। यहां तक कि यमुना में जेसीबी से खुदाई हो रही थी। अब देखिए, ऐसा नहीं हो रहा।
बड़ी बात यह भी है कि अवैध खनन के खिलाफ आधा दर्जन विभागों को कार्रवाई के अधिकार हासिल है, लेकिन तमाम विभागों पर एसपी अकेले ही भारी पड़ गई हैं। ऐसा भी नहीं है कि एसपी ने खनन माफिया के खिलाफ जोखिम न उठाया हो। नेताओं की दखलअंदाजी भी उस वक्त सामने आई थी, जब पांवटा साहिब में अवैध खनन के खिलाफ मुहिम में एसपी मौके पर पहुंची थी। साथ ही राजबन पुलिस चौकी के तमाम कर्मचारियों को एक साथ लाइन हाजिर करना भी निडरता का कदम था।
उधर जब एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने एसपी सौम्या सांबशिवन से बात की तो उन्होंने कहा कि वह अपनी ड्यूटी कर रही है। अलबत्ता उन्होंने यह जरूर माना कि 25 लाख रूपए का जुर्माना वसूल किया गया है। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि अवैध खनन से एक करोड़ रूपए के राजस्व का लक्ष्य रखा गया है।