नाहन 21 सितंबर : हिमाचल (Himachal) की राजनीति में एक स्वाभिमानी नेत्री (Self-respecting leader) के तौर पर पहचान बनाने वाली पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा (Ex. Minister Shyama Sharma) के आकस्मिक निधन की दुखद खबर आई है। पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा ने 16 सितंबर को ही फेसबुक पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं प्रेषित की थी, लेकिन किसी को भी इस बात का मामूली सा भी इल्म नहीं था कि चंद रोज में ही संसार को छोड़कर चली जाएंगी। जीवन के अंतिम पड़ाव तक राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा में सक्रिय रही। पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा ने कभी भी सिद्धांतों (Principles) से समझौता नहीं किया।
चंद माह पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांवटा साहिब के एक बुजुर्ग पार्टी कार्यकर्ता से बातचीत के दौरान भी पूर्व मंत्री का कुशलक्षेम पूछा था। प्रदेश की राजनीति में करीब 42 साल तक सक्रिय रही। पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा ने पहली बार पिछला विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। छात्र राजनीति से कैरियर शुरू करने वाली श्यामा शर्मा ने जीवन में पद की लालसा में कोई भी समझौता नहीं किया। 1948 में सरोगा गांव में जन्मी श्यामा शर्मा ने पहला चुनाव 1977 में लड़ा था। 28 जून 1970 से 18 मई 1979 तक पंचायत, खाद्य आपूर्ति व विधि मंत्री (Panchayat, Food Supply & Law Minister) रही थी।
उधर पूर्व मंत्री के नाती भावन शर्मा ने नम आंखों से बताया कि उन्हें लीवर (Lever) में इन्फेक्शन (Infection) की शिकायत हुई थी। इसके बाद चंडीगढ़ ले जाया गया, जहां उन्हें चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। उधर भाई सुखदेव शर्मा ने बताया कि पार्थिव देह को चंडीगढ़ से नाहन लाया जा रहा है इसके बाद ही अंतिम संस्कार को लेकर कोई फैसला किया जाएगा