शैलेंद्र कालरा/शिमला
मंडी संसदीय क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के नतीजों से पंडित सुखराम के परिवार का अध्याय समाप्त हो गया है। स्थिति यह हो गई है कि अब परिवार को सत्ता सुख से वंचित होना पड़ेगा। हालांकि शुरूआती दौर से ही सोशल मीडिया ने पंडित सुखराम के परिवार को आगाह किया था, लेकिन शायद आश्रय शर्मा की जिद के आगे एक ही चुनाव में परिवार ने दशकों की साख को मिट्टी में मिला दिया।
चौंकाने वाली बात यह थी कि नतीजों के शुरूआती चरण में ऐसा प्रतीत होने लगा था कि आश्रय शर्मा की जमानत नहीं बचेगी। सुबह 11ः30 तक की स्थिति में रामस्वरूप शर्मा को 68.11 प्रतिशत मत हासिल हुए थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी 26.28 प्रतिशत पर सिमट गए। प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले इस परिवार ने ऐसी भूल क्यों की, इस पर तो सस्पेंस ही रहेगा, लेकिन इतना तय है कि परिवार को अति महत्वकांक्षा ले डूबी। चुनाव का बिगुल बजने के दौरान यह कहा जाने लगा था कि पंडित सुखराम के परिवार ने कोई चुनाव नहीं हारा है। लेकिन मतदाताओं ने इस चुनाव में ऐसा सबक सिखा दिया कि अब परिवार की अगली पीढ़ी के नेता आश्रय शर्मा को राजनीति में कैरियर बनाने के लिए अपने बूते ही दशकों तक दम लगाना पडे़गा।
प्रदेश की राजनीति में यह भी तय हो गया है कि अपने बुजुर्ग नेताओं के दम पर वोट नहीं मिल सकते। काबलियत अपनी ही साबित करनी पडे़गी। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस प्रत्याशी आश्रय शर्मा के पिता अनिल शर्मा को पहले ही मंत्रिमंडल का पद खोना पड़ा। अब यह भी तय हो गया है कि विधायकी भी जा सकती है। इसके संकेत बीजेपी पहले ही दे चुकी है। अगर ऐसा होता है तो मंडी विधानसभा क्षेत्र में भी उप चुनाव होगा।
कुल मिलाकर न ही सलमान खान की रिश्तेदारी ने कोई रंग दिखाया और न ही विगत में पंडित सुखराम के रसूख काम आया। हालांकि दोपहर तक भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप की जीत के अंतर का अधिकारिक आंकड़ा नहीं आया था, लेकिन मोटी जानकारी के मुताबिक अंतर पौने चार लाख का था। यानि भाजपा प्रत्याशी ने एकतरफा ही आश्रय शर्मा को क्लीन बोल्ड कर दिया।
हालांकि तमाम बातें अंतिम आंकड़े आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएंगी, लेकिन बताया जा रहा है कि आश्रय शर्मा को 1,80,000 से नीचे मत मिलते तो जमानत भी जब्त हो सकती थी। लेकिन खुशकिस्मती से आश्रय के मतों का आंकड़ा लगभग अढाई लाख पहुंचा है। अब परिवार को मात्र इस बात का ही सुकून होगा कि पूरे देष में ही कांग्रेस को करारी हार मिली है। अन्यथा एकतरफा हारने पर फजीयत ज्यादा हो सकती थी।