एमबीएम न्यूज/शिमला
यू-टयूब पर दो हिमाचली बेटों ने सफलता की इबारत लिख दी है। 17 दिसंबर 2018 को सिरमौर के राजगढ़ क्षेत्र के रहने वाले राजीव राजा के गीत “कोई दिवाना कहता है” को अब तक 60 मिलियन व्यू मिल चुके हैं। हंसराज रघुवंशी का “मेरा भोला है भंडारी” 62 मिलियन पहुंच चुका है। “मेरा भोला है भंडारी” फेम हंसराज रघुवंशी मूलतः अर्की क्षेत्र के रहने वाले हैं। हंसराज रघुवंशी बेहद ही साधारण परिवार में प्रेम व लीला रघुवंशी के घर 18 जुलाई 1992 को जन्में। एक भाई मंजीत व बहन शीला भी बाबा जी की सफलता पर बेहद क्रेजी हैं। हंसराज रघुवंशी की आवाज का इस्तेमाल करते हुए कई यू-टयूब चैनल्स ने अपने तरीके से करोड़ों व्यूज हासिल किए हैं। बताया गया कि दोनों युवकों ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए लंबा संघर्ष किया है।
हालांकि रघुवंशी ने कम अवधि में अधिक व्यूज हासिल किए हैं, जिनका वीडियो फरवरी के अंतिम सप्ताह में रिलीज हुआ था, लेकिन यहां एक अहम बात यह है कि राजीव राजा के यू-टयूब पर 11 लाख 34 हजार सब्सक्राइबर भी हो चुके हैं। इसके लिए उन्हें हाल ही में यू-टयूबर का अवार्ड भी मिला था।
यू-टयूब पर राजीव राजा का गीत “न सोचेंगे तुझको, खुद को समझाएंगे” भी खासी पापुलेरिटी हासिल कर चुका है। कमाल की बात यह है कि हिमाचली बेटों ने यू-टयूब का इस्तेमाल अपनी प्रतिभा को सामने लाने के लिए बखूबी किया है।
आप यह भी जानकर भी हैरान होंगे कि राजीव राजा के गीत “अहसान मेरे दिल पर तुम्हारा है दोस्तों” को 79 मिलियन व्यूज मिल चुके हैं। शुरूआती चरण में राजीव राजा ने पहाड़ी गीतों को भी खासी तवज्जो दी। लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी, लिहाजा अपना गायकी का तरीका ही बदला। अब आलम यह है कि करीब एक साल से युवाओं के दिल पर राज कर रहे हैं। 79 मिलियन के आंकड़े का रिकॉर्ड तो है ही, लेकिन एक वो भी आंकड़ा रहता है जो नजर नहीं आता है। उसे भी अगर इसमें शामिल कर लिया जाए तो 200 मिलियन के आस-पास व्यूज मिले होंगे। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया में अपने तरीके से प्रशंसक शेयरिंग करते हैं। इसका आंकड़ा कलाकार के अधिकारिक चैनल पर नहीं जुड़ता।
उल्लेखनीय है कि पार्श्व गायकी में धमाल मचाने वाले मोहित चौहान मूलतः नाहन के रहने वाले हैं। वो भी कई बार इसकी इच्छा जाहिर कर चुके हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में प्रदेश के प्रतिभाशाली युवाओं को आगे लाना चाहते हैं। कुल मिलाकर सरकार को सामने आकर राजीव राजा व हंसराज रघुवंशी जैसे प्रतिभाशाली कलाकारों को प्रोत्साहित करना चाहिए। सूबे में ही जब बेहतरीन कलाकार मौजूद हैं तो सरकारी कार्यक्रमों में इन्हें तवज्जों मिलनी चाहिए।