अमरप्रीत सिंह/ सोलन
हाल ही में एक खबर आई थी। इसके मुताबिक सीमा पार से एक यंग सेना के जवान को हनी ट्रेप में फंसा लिया गया। भारतीय सेना ने भी इस बारे अलर्ट जारी किया है। मगर सोलन पुलिस ने सोशल मीडिया को ही हथियार बनाकर दो ऐसे बदमाश दबोच डाले हैं, जोे चंद रोज पहले पिस्तौलों को हाथ में लेकर कारोबारी को शूट करने पहुंचे थे। पुलिस ने सोशल मीडिया के हथियार को इतनी खामोशी से इस्तेमाल किया कि किसी को कानोंकान भनक नहीं लगी। आरोपियों की तलाश में पुलिस कई राज्यों में डेरा डाले हुए थी।
पुलिस के हर कदम पर बदमाश नजर रखने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस को इस बात का पूरा विश्वास हो गया कि सोशल मीडिया से भी बदमाश जुड़कर जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे होंगे। लिहाजा पुलिस की एक टीम ने जानबूझ कर राजस्थान से खुद को फेसबुक पर लाइव कर लिया। बस यहीं चकमा खाकर बिल से निकल आए। दूसरी टीम घात लगाकर दबोचने को तैयार थी। अन्य राज्य में छिपे बदमाश बेफिक्र हो गए। बदमाशों ने समझा कि पुलिस की टीम राजस्थान में डेरा डाले हुए है, मगर इस बात का उन्हें कतई भी इल्म नहीं था कि टीम ने जानबूझ कर चकमा देने की कोशिश की है।
आप यह भी जानकर हैरान हो जाएंगे कि फेसबुक पर लाइव आने की खबरें प्रिंट मीडिया में भी प्रकाशित हुई। इसमें पुलिस कर्मियों पर सैर-सपाटे के अलावा लापरवाही के आरोप भी जड़े गए। रोचक बात यह है कि जब इस बारे एसपी का बयान लिया गया था तब भी वो खामोश रहे। अब गिरफतार किए गए आरोपियों की शिनाख्त परेड होगी। पहचान होने की सूरत में उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि सबूत जुटाए जा सकें। उल्लेखनीय है किे कारोबारी ने पहले ही पुलिस को जान की धमकी होने की शिकायत दी थी। इस पर उसे सुरक्षा भी मुहैया करवाई गई थी। जिस वक्त बदमाश कारोबारी के कार्यालय में घुसे, उस वक्त सुरक्षा कर्मी वहां मौजूद था।
उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत करते हुए एसपी मधुसूदन शर्मा ने कहा कि फेसबुक पर टीम का लाइव आना एक अहम योजना का हिस्सा था। इस बारे जब पूछा गया कि यह आईडिया कहां से आया तो उन्होंने कहा कि पूरी टीम ही सफलता की पात्र है।