एमबीएम न्यूज/शिमला
पैट्रोल पंप की बिक्री छिपाने पर शहर के नामी कारोबारी पर आबकारी व कराधान विभाग के दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणु में सवा 2 करोड़ रुपए का टैक्स व ब्याज ठोका है। जुर्माने की राशि अलग से वसूली जा सकती है। पैट्रोल व डीजल की बिक्री पर प्रदेश में मूल्य वर्धित कर अधिनियम 2005 (वैट) लगता है। इस पर जीएसटी का प्रावधान नहीं है। दक्षिण प्रवर्त्तन क्षेत्र को गोपनीय सूचना मिली थी कि वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2017-18 के दौरान पैट्रोल पंप के मालिक ने बिक्री के बड़े हिस्से को छिपा लिया था। इस पर किसी भी तरह का वैट अदा नहीं किया गया है।
चूंकि पैट्रोल पंप मालिक द्वारा डीजल व पैट्रोल के अलावा अन्य सामान का आयात प्रदेश के बाहर से किया जाता था, लिहाजा विभागीय बैरियर पर हरेक सामान के विवरण को दर्ज किया जाता था। गोपनीय सूचना के आधार पर विभाग ने पैट्रोल पंप के मालिक को परवाणु तलब किया। इस दौरान उसका सामना प्रदेश के बाहर से आयात किए गए पैट्रोलियम पदार्थों के वार्षिक कारोबार से करवाया गया। इसके बाद यह साबित हो गया कि कारोबारी ने हर साल 2 से 3 करोड़ के बिजनेस को छिपाया हुआ था। यह कोई मामूली रकम नहीं थी, लिहाजा विभाग गहरी छानबीन में जुट गया। हर साल करोड़ों की बिक्री पर टैक्स का गबन किया जा रहा था।
इन सालों में पैट्रोल पंप की वार्षिक बिक्री 8 से 9 करोड़ के बीच में थी। इसमें से तकरीबन एक तिहाई हिस्से को छिपाया जा रहा था, ताकि टैक्स की अदायगी न करनी पड़े। विभाग ने जांच में पाया कि चार सालों में पैट्रोल पंप की कुल बिक्री 35 करोड़ के आसपास थी। इसमें से 9 करोड़ की राशि पर टैक्स की अदायगी नहीं की गई। विभाग के सामने पैट्रोल पंप के मालिक ने गलती स्वीकार की। साथ ही इसके लिए अपनी लेखा शाखा को जिम्मेदार ठहराया। पैट्रोल पंप मालिक ने सवा दो करोड़ रुपए में से 40 लाख की रकम जमा करवा दी है। शेष अदायगी के लिए दो महीने का वक्त मांगा है। अब विभाग द्वारा पैट्रोल पंप के मालिक को जुर्माने के लिए अलग से नोटिस जारी किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार जुर्माने की राशि भी तीन करोड़ के आसपास हो सकती है। सनद रहे कि कुछ माह पहले भी शिमला के ही एक पैट्रोल पंप व्यापारी पर 1.28 करोड़ का टैक्स व जुर्माना लगाया गया था। इसके अलावा नामी कोचिंग संस्थानों से भी टैक्स की वसूली प्रक्रिया चल रही है। ताजा मामले में सहायक राज्य कर व आबकारी अधिकारी विनित शर्मा ने अहम भूमिका निभाई है। पुष्टि करते हुए संयुक्त आयुक्त राज्य कर व आबकारी दक्षिण प्रर्वत्तन क्षेत्र परवाणु डॉ. सुनील कुमार ने कहा कि आगे की कार्रवाई जारी है। सनद रहे कि 5 करोड़ से अधिक जीएसटी घोटाले में भी प्रर्वत्तन क्षेत्र परवाणु की टीम ने कालाअंब के दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया था।
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