धर्मशाला (एमबीएम न्यूज ब्यूरो) : हौंसले बुलंद हो तो सफलता कदम चूम लेती है। आईएएस की परीक्षा में गत वर्ष बैजनाथ उपमंडल के पपरोला कस्बे की रहने वाली शिल्पा शर्मा को 259वां रैंक मिला था। लेकिन वह कतई निरूत्साहित नहीं हुई। हौंसला बुलंद था, इस कारण शिल्पा ने दोगुना ऊर्जा के साथ दोबारा परीक्षा की तैयारी की।
शनिवार को उस वक्त शिल्पा समेत समूचा परिवार गौरवान्वित हो उठा, जब शिल्पा ने अपनी रैंकिंग में सुधार करते हुए 81वां रैंक हासिल कर लिया। 15 अगस्त 1986 को विजय शर्मा व विमलेश शर्मा के घर जन्मी शिल्पा इस वक्त महाराष्ट्र के नागपुर में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के तहत प्रशिक्षण हासिल कर रही है। लेकिन अब आईएएस (मेन) में आ जाने पर शिल्पा का प्रशिक्षण आईएएस अकादमी मसूरी में होगा।
मध्यम वर्ग परिवार से संबंधित शिल्पा के पिता का ट्रांसपोर्ट कारोबार है तो माता विमलेश शर्मा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। पिता विजय शर्मा का कहना है कि बेटी बचपन से ही होनहार रही। 12वीं तक की शिक्षा बैजनाथ के बिनवा पब्लिक स्कूल में हासिल की। इसके बाद शिल्पा ने बीटेक की शिक्षा एनआईटी हमीरपुर से पूरी की।
परिवार के साथ शिल्पाकुछ यह हैं शिल्पा के टिप्स
शिल्पा का कहना है कि आईएएस की तैयारी में जुटे उम्मीदवार बखूबी भी इस बात को जानते हैं कि किन पुस्तकों का चयन करना है। किस तरह से विषय चुनने होते हैं। कितने घंटे मेहनत करनी होती है। लेकिन शिल्पा यह जरूर मानती है कि एनसीईआरटी की पुस्तकों को जरूर गो-थू्र किया जाना चाहिए। एनआईटी हमीरपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुकी शिल्पा कहती है कि परिवार के स्पोर्ट के बिना सफलता हासिल नहीं की जा सकती।
कब देखा था सपना?
हिमाचल की होनहार बेटी शिल्पा शर्मा ने 2012 में आईएएस बनने का फैसला किया। इस सपने को साकार करने में शिल्पा को तीन साल लगे। हालांकि दो साल बाद ही आईआरएस में शिल्पा का चयन हुआ था, लेकिन उसका इरादा तो आईएएस बनने का ही था। कुल मिलाकर अब शिल्पा ने माता-पिता के आशीर्वाद व अपने करीबियों की शुभकामनाओं से जीवन में अल्टीमेट गोल हासिल कर लिया है।