एमबीएम न्यूज़ / शिमला
क्या आप जानते हैं, प्रदेश में सबसे युवा हैवी ट्रांसपोर्ट व्हीकल (एचटीवी) लाइसेंस धारक शिक्षित युवती कौन है? यदि नहीं, तो आप यह जानकर दंग हो सकते हैं कि प्रदेश के ट्राइबल ज़िला किन्नौर की 25 वर्षीय युवती पूनम नेगी ने महज 23 साल की उम्र में ही एचटीवी लाइसेंस हासिल कर लिया था। पूनम ऐसी सड़कों पर ट्रक दौड़ाने में माहिर हैं, जिस पर आप सफर करने से ही डरेंगे। आप यह भी जानकर दंग होंगे कि किन्नौर की सड़के विश्व की सबसे खतरनाक सड़को में शुमार है, लेकिन 25 साल की बाला इन मार्गो पर मजे से ट्रक ,बस ,ट्रैक्टर के इलावा जेसीबी को भी चलाने लगी है। अन्य वाहन चलाने में माहिर है।
ट्राइबल क्षेत्र से पूनम नेगी पहली ऐसी महिला चालक है, जिसने मात्र 23 साल की उम्र में ही हैवी ट्रांसपोर्ट व्हीकल का लाइसेंस हासिल कर लिया था। यह भी संभव है कि प्रदेश में सबसे कम उम्र में एचटीवी लाइसेंस पाने वाली पहली युवती हो। रामपुर से किन्नौर के पूह उपमंडल के रारंग गांव तक करीब 145 किलोमीटर ट्रक ड्राइविंग कर चुकी है, ट्रक शेटरिंग से लदा हुआ था। ट्रक के इलावा बस, बुलेट बाइक व कारों को चलाने में भी महारत रखती है।
17 जून 1993 को रारंग गांव में जन्मी पूनम नेगी ने हालांकि अपने कैरियर को लेकर कोई बड़ा फैसला नहीं लिया है, लेकिन एक कामयाब ट्रांसपोर्टर बनने की तमन्ना जहन में जरूर रखी हुई है। साथ ही जांबाजी वाली किसी अंतरर्राष्ट्रीय रैली में हिस्सा लेकर विजेता बनना चाहती है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में पूनम नेगी का कहना था कि बचपन से ही ड्राइविंग का शौक था, घर पर चाचा पिकअप चलाते थे लिहाजा ड्राइविंग करने लगी। पूनम कहती है कि धीरे-धीरे ट्रक व बस की भी ड्राइविंग की। उन्होंने कहा कि यात्रियों से भरी बस को नहीं चलाया है, क्योंकि यात्री यह कहकर डर जाते हैं कि यह लड़की बस कैसे चला लेगी? लिहाजा वो कोई जिद नहीं करती है। यह अलग बात है कि खाली निजी बस को पूनम ने कई बार सडको पर दौड़ाया है।
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कॉलेज की पढ़ाई कर रही पूनम नेगी का कहना है कि ट्राइबल जिला किन्नौर के हाईवे बेहद जोखिमपूर्ण हैं। रामपुर से रारंग के बीच कई स्थानों पर हाईवे इतना संकीर्ण है कि सामने से आ रहे वाहन को पास देना भी मुश्किल हो जाता है। पूनम का कहना है कि वो अपनी पूरी सूझबूझ से ड्राइविंग कर लेती है। उन्होंने कहा कि कार में अब तक सबसे लंबी ड्राइविंग अपने पैतृक गांव रारंग से उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक की है, जो उनके यादगार पल रहे हैं।
कुल मिलाकर 25 साल की उम्र में हैवी वाहनों को चलाने वाली पूनम नेगी युवतियों के लिए भी एक प्रेरणा है, जो कठिन कार्य को देख कर अपने कदम पीछे खींच लेती हैं। प्रदेश में सोलन की सीमा ठाकुर को हिमाचल पथ परिवहन निगम की पहली बस चालक बनने का गौरव हासिल है, जबकि इसी ज़िला से नील कमल ठाकुर भी ट्रक में सीमेंट लादकर हाईवे पर दौड़ने में निपुण हैं।
ऐसे पाया एचटीवी लाइसेंस
हैवी ट्रांसपोर्ट व्हीकल( एचटीवी) का लाइसेंस हासिल करना आसान नहीं होता और वो भी 23 साल की उम्र में एक लड़की के लिए। जानकारी के मुताबिक लाइट मोटर व्हीकल लाइसेंस के तौर पर धारक को एक साल वाहन चलाने का तजुर्बा होना चाहिए। इसके बाद लर्निंग लाइसेंस बनाया जाता है। इसकी मियाद पूरी होने के बाद ट्रेनिंग स्कूल का सर्टिफिकेट लाजमी होता है। तब जाकर ट्रायल की तिथि तय होती है। इसमें कामयाबी मिलने पर ही एचटीवी लाइसेंस बनता है। ट्रांसपोर्ट विभाग में आरटीओ के पद पर तैनात सुनील शर्मा का कहना है कि अगर कोई लड़की 23 साल की उम्र में एचटीवी लाइसेंस लेने में सफल होती है, तो यह अपने आप में ही बड़ी बात है। 20 साल की उम्र में पूनम ने एलएमवी लाइसेंस हासिल किया इसके बाद लाइट ट्रांसपोर्ट व्हीकल का लाइसेंस 21 साल की उम्र में हासिल कर लिया, इसके बाद लर्निंग लाइसेंस व ट्रेनिंग की औपचारिकताएं करने के बाद सफलतापूर्वक 23 साल की उम्र में एचटीवीलाइसेंसधारक बन गई। गौरतलब है कि मनाली में 20 साल की लड़की ने भी परिवार का जीवन यापन करने के मकसद से टैक्सी का चलाने का कार्य उसके शुरू किया था।