ऊना(एमबीएम न्यूज़): कन्या शिशु लिंग अनुपात में गिरावट के चलते देशभर के 100 जिलो में शुमार जिला की एक ओर बेटी ने सफलता के झंडे गाड़ समाज को बेटियों की महत्ता का संदेश दिया है। जिला के धुसाड़ा गांव की बेटी 24 वर्षीय अंजुम मोदगिल ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में कामनवेल्थ गेम्स 2018 में 50 मीटर राईफल 3 पोजीशन के मुकाबले में रजत पदक हासिल कर देश व प्रदेश को गौरवान्वित किया है। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक भी भारत की बेटी तेजस्वनी सांवत को मिला है।
भारतीय बेटियों ने 50 मीटर राईफल 3 पोजीशन स्पर्घा में भारत का दबदबा बनाते हुए गोल्ड व सिल्वर मैडल हासिल किया है। अंजुम मोदगिल ने अहम मुकाबले में रिकॉर्ड 455.7 अंक प्राप्त कर स्पर्धा में दूसरा स्थान हासिल किया। जबकि 37 वर्षीय भारतीय शूटर तेजस्वनी सांवत ने नए कामनवेल्थ रिकॉर्ड में 457.9 अंक हासिल करते हुए गोल्ड पर कब्जा जमाया। अंजुम की इस सफलता से उनके पैतृक गांव धुस्साड़ा सहित जिला में खुशी की लहर दौड़ उठी।
2008 में नौवीं कक्षा की छात्रा के रूप में एनसीसी से शूटिंग का सफर शुरू करने वाली अंजुम ने बीते नौ सालों में 18 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं व दर्जनों राष्ट्रीय व जोनल स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए एक दर्जन से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैडल सहित 100 से अधिक मैडल जीतकर अपनी झोली में डालें हैं।
2016 में गुवाहटी में संपन्न हुई 12वीं साऊथ एशियन गेम्स में अंजुम ने व्यक्तिगत व टीम स्पर्धा में दो गोल्ड मैडल जीत अपनी प्रतिभा की धमक दिखाई थी। जबकि इससे पहले वह एशियन चैंपियनशिप 2015 कुवैत में टीम स्पर्धा में ब्रांज, सातवीं एशियन एयरगन चैंपियनशिप कुवैत 2014 में व्यक्तिगत व टीम एयर राईफल स्पर्धा में ब्रांज मैडल जीत चुकी है। अंजुम ने ईरान में 2013 में संपन्न हुई एशियन चैंपियनशिप में भी तीन ब्रांज मैडल जीते, जबकि दोहा में 2012 में संपन्न एशियन चैपिंयनशिप में भी वह दो सिल्वर मैडल जीत चुकी है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंजुम ने 12 गोल्ड, सिल्वर व ब्रांज मैडल जीते हैं। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर सात गोल्ड, पांच सिल्वर व सात ब्रांज व्यक्तिगत स्पर्धाओं में तथा पांच गोल्ड, छह सिल्वर व आठ ब्रांज मैडल टीम स्पर्धाओं में जीत चुकी है। चंडीगढ़ प्रशासन ने अंजुम को कमेंडेशन सर्टिफिकेट से अलंकृत किया है।
मूलत: जिला के धुसाड़ा गांव से संबंधित व चंडीगढ़ में पली-बड़ी अंजुम मोदगिल का जन्म पांच जनवरी 1994 को माता शुभ मोदगिल व पिता सुदर्शन मोदगिल के घर हुआ। अंजुम के पिता पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। जबकि माता शुभ मोदगिल राष्ट्रीय स्तर की जिम्रास्टिक खिलाड़ी रह चुकी हैं।
अंजुम के दादा कैप्टन रामेश्वर नाथ मोदगिल सेशन जज के पद से सेवानिवृत हैं। अंजुम मोदगिल ने प्राईमरी से लेकर जमा दो तक की शिक्षा सैक्रड हार्ट स्कूल चंडीगढ़ से प्राप्त की। जबकि डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से बीए व बाद में एमए साईकोलॉजी की डिग्री हासिल की। अंजुम ने अपनी मां की प्रेरणा से राईफल शूटिंग को करियर स्पोटर्स के रूप में लिया तथा लगातार इसमें सफलता प्राप्त करती गई। 2011 में अंजुम को जर्मनी में संपन्न जूनियर कप से अहम ब्रेक मिली। जिसके बाद वह लगातार आगे बढ़ती रही।
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