शिमला (एमबीएम न्यूज): मूलत: महाराष्ट्र के ठाणे के रहने वाले युवा आईएएस अधिकारी ऋग्वेद ठाकुर ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पहली पसंद बने हैं। यही कारण है कि 2011 बैच केे इस अधिकारी को सीएम ने अपने घर के प्रशासन की बागडोर थमाई है। अहम बात यह है कि एकमात्र अधिकारी हैं, जिन्हें डीसी से डीसी के पद पर ट्रांसफर किया गया है।
22 जून 1983 को जन्मे युवा आईएएस अधिकारी को पिछली सरकार ने बिलासपुर में बतौर उपायुक्त 7 जून 2016 को तैनाती दी थी। लिहाजा अनुभव के हिसाब से उनकी बतौर डीसी दूसरी पारी है। सरकार बदलते ही अफसरशाही में इस बात को लेकर भी खलबली थी कि आखिर मुख्यमंत्री की पसंद कौन बनेगा, जिसे वह अपने घर के प्रशासन के मुखिया की जिम्मेदारी सौंपेंगे। तो काफी माथापच्ची के बाद ऋग्वेद ठाकुर पर सरकार की सहमति बनी।
इलैक्ट्रिकल ट्रेड में बी टेक कर चुके ऋग्वेद ठाकुर ने 2011 के दौरान यूपीएससी की परीक्षा में 67वां रैंक हासिल किया था। सीएम के घर में प्रशासनिक अनुभव नया नहीं है, क्योंकि 30 अप्रैल 2015 के बाद से लगभग 15 महीने बतौर अतिरिक्त उपायुक्त भी कार्य कर चुके हैं। उपायुक्त के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजनीतिक समन्वय भी रहेगा। 10 में से 9 सीटें भाजपा की हैं। मुख्यमंत्री के अलावा दो मंत्री भी इसी जिला से ताल्लुक रखते हैं।
कुल मिलाकर यह तय है कि प्रशासन सरकार का आईना होता है। यदि जनता की कसौटी पर प्रशासन खरा उतरता है तो सरकार को भी संजीवनी मिलती रहती है।
युवाओं व तजुर्बेकार अधिकारियों में संतुलन…
सरकार ने 10 डीसी बदले। इसमें युवाओं पर भरोसा किया गया है। उपायुक्त बने विवेक भाटिया की उम्र 32 साल है। ललित जैन 34 साल के करीब हैं। हरिकेश मीणा की उम्र 36 साल के आसपास है। वहीं सबसे युवा डीसी रागेश कुमार प्रजापति है, जो इसी महीने 19 तारीख को 31 साल के पूरे हुए हैं। मंडी के डीसी बने ऋग्वेद ठाकुर 34 साल के हैं। ऐसा भी नहीं है, सरकार ने तजुर्बेकार अधिकारियों को भी डीसी बनाया है। इसमें अश्वनी कुमार, गोपाल चंद, अमित कश्यप व दोरजे नेगी शामिल हैं।