कांगड़ा(रीना शर्मा): वर्ष 1998 में अपने वोट से कांग्रेस से समर्थन वापिस लेकर भाजपा की सरकार बनाने वाले तब सियासी संकटमोचन हनुमान बने रमेश ध्वाला की ईमानदारी व स्वच्छ छवि के बाद भी मंत्रीमंडल में उनकी वरिष्ठता के बावजूद अनदेखी से ज्वालामुखी मंडल भाजपा व विशेष कर ओबीसी वर्ग में भारी रोष उत्पन्न हो गया है।
आज रमेश ध्वाला के घर पर सैंकडों लोग इकठे हुये, जिसमें ज्वालामुखी के ही नहीं जसवां प्रागपुर, देहरा, कांगड़ा, नादौन, नगरोटा व अन्य·कई क्षेत्रों से आये ओबीसी नेता थे, जो अपने लोकप्रिय नेता रमेश ध्वाला के साथ हुये विश्वासघात से बुरी तरह से आहत थे और आंसू बहाकर ब्यान कर रहे थे की मंत्रीमंडल की आड़ में ईमानदारी को किस कदर सरेआम सूली पर चढ़ा दिया गया। ध्वाला समर्थको का कहना है कि करोड़ों के प्रलोभन को ठोकर मार कर कांग्रेस से समर्थन वापिस लेकर अपने वोट से वर्ष 1998 में भाजपा की सरकार बनाकर प्रो प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री बनाने वाले रमेश ध्वाला थे।
ध्वाला ने आईपीएच विभाग व खाद्य आपूर्ति विभाग बखूबी व ईमानदारी से चलाकर पूरे प्रदेश में ईमानदार व स्वच्छ छवि वाला नेता के रूप में पहचान बनायी उसे आज इस कद्र से दरकिनार कर दिया गया है, ये ज्वालामुखी क्षेत्र के 72 हजार मतदाताओं के साथ ही घोर अन्याय नहीं हुआ है, बल्कि प्रदेश में हजारों अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों से भारी आघात हुआ है।
रमेश ध्वाला ने अपने लिये किसी बड़े नेता से पैरवी तक नहीं करवाई, क्योंकि उनको मंत्रीमंडल में स्थान देने·का आश्वासन दिया गया था और वे पूरी तरह से आश्वसत थे, परंतु डर्टी पालिटिक्स ने ज्वालामुखी क्षेत्र की जनता व विशेषकर ओबीसी वर्ग के साथ छल कपट की राजनीति कर डाली। सैंकडों लोग ज्वालामुखी से शिमला अपने निजी वाहनों में अपने लोकप्रिय नेता को मंत्री पद की शपथ लेते हुये देखने के लिये गये थे, परंतु उनके हाथ घोर निराशा लगी है ।
कार्यकर्ताओ ने रमेश ध्वाला को रोकर पार्टी के आला नेताओं से बात करने को जोर डाला ताकि पता चल सके की उन्हें किस बात की सजा दी गयी है उनका क्या कसूर है। परंतु रमेश ध्वाला बुरी तरह से आहत होकर घर चले आये। रमेश ध्वाला ने अपने कार्यकर्ताओं को संयम का पाठ पढ़ाया और कहा की वे भाजपा के अनुशासित सिपाही है और आगे भी रहेंगे। सरकार व संगठन के विरूद्व वे एक शब्द भी नहीं कहेंगे और न ही उनके कार्यकर्ता अपना धैर्य खोएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी अनदेखि से उनके कार्यकर्ता समर्थक व ओबीसी के नेता आक्रोशित व दुखी हुये है, परंतु हो सकता है की हमारे नेताओं की इसमें अभी कोई मजबूरी रही होगी।
वे इसके लिये किसी को भी दोषी नहीं मानते है। उन्होंने कहा की वे माननीय मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का समर्थन व विश्वासपात्र हैं, मुझे उनका पूरा सहयोग व आशीर्वाद प्राप्त है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आवाहन किया की वे निराश न हों वे अपने क्षेत्र का चहुंमुखी विकास करवायेंगे किसी प्रकार की कमी नहीं होगी। उन्हें परम पिता परमात्मा पर पूरा भरोसा है उनकी मेहनत रंग जरूर लायेगी।