घुमारवीं (सुभाष कुमार गौतम) : प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की रेस में नड्डा के पिछडने के बाद बिलासपुर मायूस हो गया है। लोगों को आखिरी पल तक यही उम्मीद थी कि मोदी की टीम से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री बनने वाले हैं, लेकिन कुछ ऐसा गेम चला की नड्डा को अंत में सीएम पद की रेस से बाहर होना पड़ा जबकि जिला के हर व्यक्ति को इसकी पूरी उम्मीद थी। इतना ही नहीं जिला में तो नड्डा का नाम सीएम रेस में आने पर पटाखे व मिठाई भी बाँट दी गई थी।
जिला में नड्डा के सीएम बनने का ख्वाब पहले ही देखा हुआ था इसलिए लोगों ने जिला में नड्डा के नाम पर उम्मीदवारों को वोट डाला था लेकिन आखिरकार मायूसी ही हाथ लगी है। इस मायूसी को लोगों के चेहरे पर साफ देखा जा सकता है और लोगों का मानना है कि अब उनकी उम्मीद पर और पानी फिरने वाला है क्योंकि जिला से भाजपा सरकार में बने तीनों विधायक पहली बार जीत कर आए हैं और मंत्री पद मिलना भी नामुमकिन लग रहा है।
जहां जिला में नड्डा का सीएम बनने क सपना अधूरा रह गया वही अब और तरफ से हाथ खाली होते नजर आ रहे हैं। इस बात की चिंता जिला के बड़े-बड़े भाजपा दिग्गजों को सता रही है कि 2019 में लोग इस मायूसी के कारण पार्टी से विमुख न हो जाए और इसका खामयाजा पार्टी को न भुकताना पड़े। जब की हकीकत यह है कि पार्टी का यह फैसला था कि हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री चुनकर आए विधायकों में से ही होगा। लेकिन लोगो का मन अब इस दिलासे से उखड चुका है।