शिमला (एमबीएम न्यूज): एशियन चैंपियनशिप में पुरुष टीम की कप्तानी हिमाचली लाल अजय ठाकुर ने की। इसके साथ ही महिला टीम में प्रियंका नेगी (सिरमौर) व कविता (कुल्लू) ने देश का प्रतिनिधित्व किया। पुलिस महकमे ने प्रियंका को प्रमोशन की सौगात दी है। उधर पुलिस महकमे की रानी राष्ट्रीय स्तर की 20 सीनियर रेसलिंग प्रतियोगिता में प्रदेश के लिए कांस्य पदक ले आई। उसे भी पुलिस विभाग ने कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल का रैंक देकर नवाज दिया है। कबड्डी के खिलाड़ी ईरान से देश के लिए मैडल जीत कर ले आए।
अब यह सवाल खासा चर्चा में है कि क्या चारों ही खिलाड़ी नकद राशि के हकदार हैं या नहीं। सनद रहे कि हैड कांस्टेबल बनी रानी को सोलन प्रशासन ने 51 हजार रुपए का नकद ईनाम भी दिया था। जानकार बताते हैं कि युवा सेवाएं व खेल विभाग की नीति में ओलम्पिक, एशियन व कॉमन वैल्थ खेलों में पदक जीतने को लेकर नीति स्पष्ट है। लेकिन अन्य अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भी प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है। देखना यह है कि युवा सेवाएं व खेल विभाग अपने स्तर पर ही कोई फैसला लेता है या नहीं। अलबत्ता इतना जरूर है कि कबड्डी खिलाडिय़ों ने देश का गौरव बढ़ाया है।
जुन्गा में फर्स्ट बटालियन में तैनात पहलवान रानी का भी चयन इंडिया कैंप के लिए हो चुका है। बताया जा रहा है कि रानी भी इंडियन कैंप में हिस्सा ले रही है। रानी कह चुकी है कि प्रैक्टिस का समय होता तो प्रदेश की झोली में गोल्ड मैडल ले आती। स्पोर्टस पॉलिसी से जुड़े जानकार यह भी बताते हैं कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पदक लाने की सूरत में खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन राशि जरूर मिलनी चाहिए। उधर एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने युवा सेवाएं व खेल विभाग की अतिरिक्त निदेशक सुमन रावत से इस बारे में लंबी बातचीत की। उन्होंने कहा कि प्रदेश हमेशा ही खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करता है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को नकद राशि देने पर विचार नहीं हुआ है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि विचार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि विभाग ने आज तक उन खिलाडिय़ों को भी प्रोत्साहित किया है, जो हिमाचल के तो रहने वाले हैं, लेकिन अन्य राज्यों या संबंधित विभागों से प्रतियोगिताओं में जाते हैं। उन्होंने कहा कि हर खिलाड़ी को हर वक्त प्रोत्साहित करने के लिए खेल विभाग तत्पर है।