शिमला (एमबीएम न्यूज़) : उतराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा है कि वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में हिमाचल में अभूतपूर्व विकास हुआ है और मध्य हिमालयन राज्यों को वीरभद्र सिंह जैसे अनुभवी व सशक्त नेतृत्व की जरूरत है। मोदी सरकार हिमालयन राज्यों से भेदभाव कर रही है। इनका विशेष श्रेणी का दर्जा छीन लिया गया है। आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन इन प्रदेशों के लिए मुख्य चुनौती रहने वाली है, जिससे निपटने के लिए एक अनुभवी नेतृत्व की जरूरत है और इस पैमाने पर वीरभद्र सिंह ठीक बैठते हैं। रावत ने कहा कि हिमालय प्रदेशों को यदि अनुभवी व सशक्त नेतृत्व नहीं मिलेगा, तो इनकी आवाज कमजोर पड़ जाएगी। रावत आज शिमला में प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह अपने आप में बड़ा चेहरा हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री मोदी को भी वीरभद्र सिंह की आलोचना करने के लिए शब्द ढूंढने पड़ते हैं। वीरभद्र की अगुवाई में हिमाचल में इतने विकास कार्य हुए हैं कि विपक्ष के पास कोई ऐसा मुददा ही नहीं बचा है, जिससे वे वीरभद्र के खिलाफ हमला बोल सकें। उतराखंड की पिछली कांग्रेस सरकार ने कई मामलों में वीरभद्र सरकार का अनुकरण किया था।
कांग्रेस पार्टी द्वारा एक परिवार एक टिकट की नीति को दरकिनार कर हिमाचल में टिकट बांटने को जायज ठहराते हुए रावत ने कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है, क्योंकि जिन प्रत्याशियों को एक परिवार से टिकट दिए गए हैं, वे कांग्रेस पार्टी में कई सालों से सक्रिय हैं।
हरीश रावत ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश में एमरजेंसी के हालात पैदा हो गए हैं और तानाशाही तरीके से विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। नोटबंदी और जीएसटी से आम जनता व कारोबारी तबका खासा नाराज है। मोदी सरकार के इन गलत फैंसलों ने देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचाई है। अब लोगों को यकीन हो गया है कि प्रधानमंत्री सिर्फ जुमलबाजी करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में मोदी लहर अब खत्म हो गई है और गुजरात तथा हिमाचल के विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिलेगी।