कुल्लू (नीना गौतम) : मौजूदा परिवेश में समाज बेटों के मोह से नहीं उभर पा रहा है। लेकिन बेटी शालिनी जैसी हो तो हर कोई ऐसी होनहार बेटी का माता-
पिता बनना चाहेगा। ऊना के अंब की रहने वाली शालिनी अग्रिहोत्री ने 23 साल की उम्र में आईपीएस बनने का गौरव हासिल कर लिया था। पिता एचआरटीसी की बस में कंडक्टर थे। अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिवार बेहद साधारण है। आप यह भी जानकर हैरान होगें कि 28 साल की उम्र में एसपी बनने वाली शालिनी अग्रिहोत्री ने ट्रेनिंग के दौरान नेशनल पुलिस एकेडमी हैदराबाद में सर्वश्रेष्ठ ट्रेनर का अवार्ड भी हासिल किया था।
आईपीएस के 65वें बैच में ऑलराउड बैस्ट ट्रेनर बनने के लिए शालिनी को प्रधानमंत्री बैटन व गृह मंत्रालय ने रिवाल्वर से अंलकृत किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी 2013 की पासिंग आउट परेड में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शालिनी को सर्वश्रेष्ठ महिला ट्रेनर की ट्राफी भी प्रदान की थी। इसके अलावा भी 2012 बैच की आईपीएस शालिनी की झोली में कम उम्र में ही कई तमगे है। उनका कहना है कि पिता से हमेशा ही प्रेरणा मिली। शुरूआती पढाई धर्मशाला के डीएवी स्कूल मे पूरी करने के बाद पालमपुर से बीएससी (कृषि) में पढाई पूरी करने के बाद पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में 285वां रैंक हासिल किया। सनद रहें कि एसपी कुल्लू शालिनी के पिता रमेश कुमार 2014 में एचआरटीसी से रिटायर हुए है। मां शुभलता गृहिणी है।
क्या गिनवाई प्राथमिकताएं
सोमवार को युवा आईपीएस ने जिला में बतौर एसपी पहली पारी शुरू की है। पत्रकारों से बातचीत में शालिनी ने महिला सुरक्षा व कानून व्यवस्था को अहम प्राथमिकता बताया है। उन्होंने संकेत दिए है कि अगर कोई पुलिस कर्मचारी लोगों से अभद्र व्यवहार करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। चूकिं कुल्लू आने से पहले युवा आईपीएस की तैनाती नेरोकोटिक्स में थी लिहाजा उम्मीद की जा रही है कि वह कुल्लू जिला में नशे के कारोबार को नस्तानाबूद करने में कोई कमी नहीं रखेगी।