बद्दी (एमबीएम न्यूज): करीब दो सप्ताह में पुलिस ने पीएनबी एटीएम की लूट के मामले को सुलझाने में सफलता पाई है। लूटे गए 29 में से 17 लाख भी बरामद हो गए हैं। इस मामले में पुलिस ने दो युवकों समेत आउटसोर्स कंपनी के एक पुराने कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की जांच का तीर ठीक निशाने पर बैठने से लूट की वारदात सुलझाई गई है।
दरअसल बैंक द्वारा एटीएम में कैश डालने के काम को आउटसोर्स किया जाता है। लूट के बाद पुलिस ने आउटसोर्स की गई कंपनी के उन कर्मचारियों को भी रडार पर ले लिया, जो नौकरी छोड़ चुके हैं। बस यही तीर पुलिस का निशाने पर बैठ गया। कंपनी छोड़ चुके कर्मचारी ने ही लूट की वारदात का ताना-बाना बुना था। सनद रहे कि दो बाइक सवारों ने हेल्मेट पहन कर भूड के नजदीक एटीएम में कैश डालने जा रहे कंपनी के दो कर्मचारियों से 17 लाख रुपए से भरा बैग छीन लिया।
इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी तो पैदा हुई थी। साथ ही खाकी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जाने लगे। हालांकि पुलिस को इस वारदात की सीसी फुटेज मिली थी, लेकिन वारदात की जगह से सीसी कैमरे 100 से 150 मीटर दूर लगे हुए थे। लिहाजा पुलिस के ये फुटेज काम की साबित नहीं हुई। लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद लुटेरों ने नकदी को छिपा दिया था। बद्दी के थाना प्रभारी मस्तराम ने लूट की घटना क्रैक होने की पुष्टि करते हुए कहा कि 29 लाख में से 17 लाख बरामद कर लिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि 28 साल के आरोपी तरसेम सिंह ने सूत वाला में अपने निर्माणाधीन मकान में तूड़ी के ढेर के नीचे सीमेंट के कट्टे में कैश को छिपाकर रखा हुआ था। उन्होंने कहा कि शेष रिकवरी भी जल्द ही कर ली जाएगी। इस मामले में पुलिस ने बाइकर 26 वर्षीय हरमिश कुमार व 28 साल के तरसेम के अलावा बैंक की आउटसोर्स कंपनी के पूर्व कर्मचारी 33 वर्षीय दीप सिंह को गिरफ्तार किया है।
पढि़ए लूट की वजह..
हालांकि पुलिस आरोपियों से पूछताछ करने में लगी हुई है, लेकिन लुटेरों ने जो वजह बताई है, वह काफी चौंकाने वाली है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक वारदात को इसलिए अंजाम दिया गया, क्योंकि आरोपी गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पास अपना घर बनाने के लिए पैसा नहीं था। लिहाजा एटीएम के कैश को लूटने की योजना बनाई गई। इसके लिए बैंक द्वारा आउटसोर्स की गई कंपनी के पूर्व कर्मचारी को साथ शामिल किया गया।
यह अलग बात है कि पुलिस की तफ्तीश में यह बात भी सामने आ रही है कि आरोपियों को कम समय में अमीर बनने की ख्वाहिश थी। डीएसपी खजाना राम ने कहा कि कंपनी के मौजूदा व पुराने कर्मचारियों को स्कैन किया जा रहा था, क्योंकि जिस तरीके से वारदात हुई थी, उसी बैंक से जुड़े व्यक्ति के शामिल होने के संकेत मिल रहे थे।