शिमला (एमबीएम न्यूज़): दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) में एक गर्भवती महिला व उसके बच्चे की डाक्टर की कथित लापरवाही के कारण मौत का मामला प्रकाश में आया है। जच्चा-बच्चा की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर अस्पताल प्रबंधन पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। महिला की पहचान 22 वर्षीय सविता पत्नी बाबू राम के रूप में हुई है। वह शिमला के फागू की निवासी थी।
तीन दिन पहले उसे डिलीवरी के लिए भर्ती करवाया गया था। रोजाना उसका रूटीन चैकअप हो रहा था और डॉक्टरों द्वारा लिए गए टैस्टों की रिपोर्ट सामान्य आ रही थी। कल रात उसे अचानक दर्द उठा और वह कहराती रही। रात्रि लगभग 2.30 से 3 बजे के बीच महिला का कहराना बंद हो गया। उसके पति ने समझा कि संभवता दर्दें कम हो गया हैं, लेकिन बाद में जब उसमें कोई हलचल न पाई तो वह तुरंत डाक्टर के पास गया। डाक्टर मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक महिला का बल्ड प्रेशर पूरी तरह गिर चुका था। साथ ही उनकी पल्स भी चली गई थी। जिसके बाद उसे सुबह 5.30 बजे डाक्टरों ने उसे व उसके बच्चे को मृत घोषित कर दिया।
जहां एक ओर गर्भवती और उसके बच्चे की मौत को अस्पताल प्रशासन अचानक हुई मौत करार दे रहा है। वहीं अस्पताल प्रशासन का तर्क है कि रात्रि 10.30 बजे भी महिला को देखा गया था। इस दौरान उसने पहले वार्ड के बाहर घूमने की इच्छा जताई थी, साथ ही रात्रि 2.30 बजे खाना भी खाया था और फिर सो गई थी। 4.30 बजे परिजनों के कहने पर महिला को दोबारा जांचा गया था। फिलहाल जच्चा-बच्चा की मौत ने अस्पताल प्रबंधन को कठघडे में खड़ा कर दिया है।