शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून की व्यापक वर्षा से जान-माल की भारी क्षति हो रही है। वर्षा से जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है। इस कारण अनेक सड़कें अवरूद्व हो गईं हैं। भूस्खलन की विभिन्न घटनाओं में अब तक 24 लोगों की जान गई है।
रामपुर उपमंडल के सराहन इलाके में सोमवार मध्यरात्रि एक अस्थाई मकान भूस्खलन की जद में आ गया। इस घटना में मकान में सो रही मां-बेटी की मौके पर मौत हो गई और परिवार के तीन सदस्य जख्मी हुए। भूस्खलन के दौरान परिवार की दो युवतियों ने भाग कर जान बचाई। यह घटना झाकड़ी थाना के अंतर्गत सराहन के दूरदराज गांव बाजवा में पेश आई।
रामपुर के डीएसपी अभिमन्यु वर्मा ने बताया कि पीड़ित परिवार यहां एक अस्थाई मकान में रह रहा था। रात एक बजे भारी वर्षा के बीच एक विशालकाय पेड़ उखड़कर मकान पर जा गिरा। इसमें मकान पूरी तरह तबाह गया। घर के अंदर सो रही 38 वर्षीय जटून पत्नी मीरहामजा और जटून की 17 वर्षीय बेटी सैरबानो की मृत्यु हो गई। इस घटना में सैरबानो के पति बशीर और दो बच्चियां मीरा व शान्या घायल हुई हैं। घटनास्थल पर पहुंचने के लिए पुलिस के दलों को कई घंटे लग गए।
स्थानीय लोगों ने राहत व बचाव कार्य शुरू करते हुए घायलों को अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की तरफ से पीड़ित परिवार को 29 हजार रूपये की फौरी राहत प्रदान की गई है। मौसम विभाग शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि 16 व 17 अगस्त को मैदानी तथा मध्य पर्वतीय इलाकों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा का अनुमान है और इसे लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि 19 अगस्त तक राज्य भर में वर्षा का दौर जारी रहेगा। राज्य की 122 सड़कें मंगलवार को भूस्खलन से बंद रहीं।
मंडी जोन में सर्वाधिक 64 सड़कें बंद हैं। इसी तरह कांगड़ा जोन की 39 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही थमी रही। शिमला जोन में 15 तथा हमीरपुर जोन में 4 सड़कें बंद हैं। वर्षा से सड़कों को अब तक 242 करोड़ का नुकसान पहुंच चुका है।