मंडी (एमबीएम न्यूज़): शहर के प्राचीन महामृत्युंज्य मंदिर के पुजारी के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस और प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के बाद मंदिर का पुजारी भूमिगत हो गया है। पुलिस ने पुजारी की तलाश शुरू कर दी है।
मंडी शहर के बीचोंबीच बसा प्राचीन महामृत्युंज्य मंदिर पूरे प्रदेश में अपनी तरह का इकलौता मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण राजाओं महाराजाओं के समय में करीब 100 वर्ष पूर्व करवाया गया था। अभी इस मंदिर के संचालन का जिम्मा सुरेंद्र कुमार उर्फ सिलेंडरी के पास है। लेकिन मंदिर परिसर के इर्द-गिर्द काफी अवैध कब्जे हो गए हैं और इस मंदिर के प्राचीन स्वरूप के साथ भी छेड़छाड़ की जा रही है। मंदिर के पुराने स्वरूप के साथ हो रही छेड़छाड़ की सूचना जैसे ही जिला प्रशासन को मिली प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर कार्रवाई को अमल में लाया।
बता दें कि प्राचीन मंदिरों के साथ बिना प्रशासन की अनुमति के कोई कार्य नहीं किया जा सकता, लेकिन यहां पर ऐसा किया जा रहा था। जिसके चलते वीरवार को प्रशासन की तरफ से नायब तहसीलदार सदर और नगर परिषद के अधिकारी मौके पर पहुंचे और इस कार्रवाई को अंजाम दिया। नायब तहसीलदार सदर जीएस कटारिया ने बताया कि प्राचीन धरोहर के साथ किसी को भी छेड़छाड़ करने की अनुमति नहीं है और ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं नगर परिषद के एसडीओ विनोद कुमार ने बताया कि मंदिर में किए जा रहे कार्य को लेकर नगर परिषद से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
मंडी जिला प्रशासन ने इस बारे में पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी है। पुलिस ने पुजारी के खिलाफ धारा 447 यानी कब्जा करने, धारा 295 यानी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाना और धारा 427 यानी प्राचीन धरोहर के साथ छेड़छाड़ करने को लेकर मामला दर्ज कर लिया है। वहीं शहर के बुद्धिजिवियों में भी मंदिर के साथ की गई छेडछाड को लेकर भारी रोष है और स्थानीय निवासी प्रशासन व सरकार से इस मंदिर को अपने अधीन लेने की गुहार लगा रहे हैं।
बता दें कि मंडी शहर को छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है और यहां के अधिकतर प्राचीन मंदिर पुरातत्व विभाग ने अपने अधीन कर लिए है, लेकिन कुछ मंदिर अभी भी नीजि लोगों के हाथ में है और उन मंदिरों के साथ इस प्रकार के कृत्य आए दिन देखने को मिल रहे हैं।