हमीरपुर, 18 सितंबर : कहते हैं, मां-बाप बच्चों की दुनिया होते हैं, लेकिन जब मां-बाप का साया ही बच्चों के सिर से उठ जाए, तब तो उनकी दुनिया ही खत्म हो जाती है। टौणी देवी क्षेत्र के गांव स्वाणा में रहने वाले दो भाइयों राहुल और रोहित की कहानी कुछ इसी प्रकार की है। गरीबी की हालत में अब भाइयों की परवरिश कौन करेगा, बुजुर्ग दादा को यह चिंता सता रही है। परिवार में केवल दादा ही शेष हैं। दो पोतों की परवरिश करने में बुजुर्ग और बीमार दादा बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं। भाइयों ने हमीरपुर प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
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दादा फिल्लू राम ने डीसी हमीरपुर को पत्र लिख कर समस्या से अवगत करवाया। उन्होंने डीसी से मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि बच्चों के सर से उनके बाप का साया उठने से दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पोतो की देख भाल करने वाला कोई भी नहीं है। बाप का साया सर से उठने के बाद मां ने उनको छोड़ कर दूसरी शादी कर ली है।
वहीं बच्चों की मौसी का कहना है कि घर में सिर्फ उनके दादा हैं। वह भी बीमार रहते हैं, उनके तीन ऑपरेशन हुए हैं, जबकि दादी का भी निधन हो चुका है। डीसी हमीरपुर हेम राज बैरवा ने उनकी मदद का आश्वासन दिया है।