शिमला, 15 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश में एक ओर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में काबिज हुई कांग्रेस के अंदर कैबिनेट गठन को लेकर माथापच्ची चल रही है तो दूसरी ओर विस चुनाव में चारों खाने चित हुई भाजपा में नेता विपक्ष की दौड़ शुरू हो गई है। यूं तो कायदे से पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नेता प्रतिपक्ष चुने जाने हैं, लेकिन भाजपा नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर नया प्रयोग कर सकती है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को नेता प्रतिपक्ष न बनाकर किसी दूसरे को विधायक दल का नेता घोषित कर सकती है। नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में जयराम ठाकुर के अलावा पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार के नामों की चर्चा है।
सतपाल सिंह सत्ती का दावा इसलिए मजबूत है, क्योंकि वह लंबे समय तक संगठन में रहकर कांग्रेस की घेराबंदी कर चुके हैं। सत्ती चौथी बार विधायक चुने गए हैं। 2017 में जब भाजपा सत्तासीन हुई थी, तब वो ही प्रदेश अध्यक्ष थे। एक कारण यह भी है कि वह हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से संबध रखते हैं और इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा की बुरी तरह हार हुई है। कांग्रेस ने हमीरपुर और ऊना जिलों से मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाकर हमीरपुर संसदीय क्षेत्र को राजनीतिक दृष्टि से मजबूत कर दिया है। अब भाजपा इस संसदीय क्षेत्र से नेता प्रतिपक्ष बनाकर भाजपा मुख्यमंत्री के बराबर समीकरण को बिठाने की कोशिश कर सकती है, ताकि लोकसभा चुनाव में इसका फायदा पार्टी को मिल सके।
हालांकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रहे विपिन परमार वरिष्ठता के लिहाज से इस पद की दौड़ में बने हुए हैं। जानकारी अनुसार भाजपा हाईकमान अगले सप्ताह विधायक दल का नेता तय करेगी। दरअसल भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष का चुनाव विधायक दल की बैठक में करना है, जो शीतकालीन सत्र से एकदम पहले होगा। इसके लिए दिल्ली से भी भाजपा हाईकमान पर्यवेक्षकों को भेजेगी।
वहीं से नेता प्रतिपक्ष के लिए नाम आएगा। दिल्ली से आने वाले नाम पर ही विधायकों से मुहर लगवाई जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर के अंतिम सप्ताह या 15 जनवरी के बाद करवाने की बात कही है।