शिमला, 21 अगस्त : ….तो क्या, वो बात सच साबित हो रही है, जिसमें कहा जाता था कि वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) के बाद राज्य में कांग्रेस टूटकर बिखर जाएगी। राजनीतिक हलकों में ये बात खासी चर्चा में होगी।
चंद रोज पहले कांग्रेस (Congress) के दो सीटिंग विधायकों ने न केवल पार्टी छोड़ी, बल्कि भगवा पटका दिल्ली जाकर पहन लिया। रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा (Former Union Minister Anand Sharma) ने पार्टी की संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। शर्मा ने राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष (National Congress President) को लिखे पत्र में कहा कि परामर्श प्रक्रिया में अनदेखी की गई है।
अब ये इत्तफाक है या नहीं, ये तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन हिमाचल (Himachal) के 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) भी रविवार को शिमला में मौजूद थे। शनिवार को भी नड्डा के सिरमौर प्रवास के दौरान ये अटकलें सुनी जा रही थी कि कांग्रेस को झटका लग सकता है।
शर्मा ने ये भी कहा कि पार्टी में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा था। हिमाचल के विधानसभा चुनाव के लिए अहम फैसले में उन्हें प्राथमिकता नहीं दी गई। गौरतलब है कि चंद रोज पहले गुलाम नबी आजाद ने भी जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में अभियान समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
उल्लेखनीय है कि शर्मा को पार्टी ने तकरीबन पांच महीने पहले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर स्टीयरिंग कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
उधर, ये साफ नजर आने लगा है कि जहां भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) चुनाव को लेकर आक्रामक रूप अपना चुकी है, वहीं कांग्रेस टिकट आबंटन की बात तो दूर है, अपने कुनबे को ही संगठित नहीं रख पा रही है। लगातार पार्टी के भीतर नेताओं में खटास पैदा हो रही है।
हालांकि, कांग्रेस ने दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (Late Chief Minister Virbhadra Singh) की पत्नी को राज्य में वीरभद्र सिंह का उत्तराधिकारी बनाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान सौंपी थी, लेकिन कांग्रेस में चुनाव को लेकर उत्साह व जोश नजर नहीं आ रहा।
एक वक्त था, जब सिरमौर (Sirmour) में कांग्रेस पांचों ही सीटें जीता करती थी, लेकिन अब आलम ये है कि कांग्रेस के नेताओं की तकरार इस कद्र बढ़ चुकी है कि नाहन थाना में तत्कालीन पार्टी के जिलाध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह (District President Kanwar Ajay Bahadur Singh) व पूर्व विधायक किरनेश जंग चौधरी के खिलाफ मुकदमा ही दायर करवा दिया गया।
हिमाचल में भाजपा रिवाज बदलने में कामयाब होगी या नहीं, इस बारे तो कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस टूट रही है। पार्टी को एकजुट करने में कोई भी सक्षम नहीं हो पा रहा।
उधर, कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष विनय कुमार ने कहा कि वो पिछले दो दिनों से प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ दिल्ली (Delhi) में हैं। इस दौरान पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला से चुनाव को लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति शीघ्र ही बैठक में टिकटों के आबंटन का फैसला करेगी। साथ ही दावा किया कि 2022 में कांग्रेस की सरकार बनेगी।