पांवटा साहिब/नाहन, 4 जून : हिमाचल के पांवटा साहिब को सिद्धू मूसेवाला जघन्य हत्याकांड का संदिग्ध मनप्रीत सिंह छिपने का ठिकाना बनाना चाहता था, लेकिन इससे पहले ही उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
हालांकि, सिरमौर पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल ने ऐसी कोई भी जानकारी होने से इंकार किया है, लेकिन द टाइम्स ऑफ इंडिया में चंद रोज पहले छपी एक खबर में इस बात का खुलासा किया गया है कि देहरादून से करीब 50 किलोमीटर दूर पांवटा साहिब गुरुद्वारे में मनप्रीत ने हेमकुंड साहिब की यात्रा के बाद छिपने की योजना बनाई थी।
खबर के मुताबिक उत्तराखंड की स्पेशल टास्क फोर्स व पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के संयुक्त अभियान में उसे देहरादून में गिरफ्तार कर लिया गया। टीओआई ने उत्तराखंड एसटीएफ की वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से इस बात का भी खुलासा किया था कि सिंह द्वारा हत्या की साजिशों को अंजाम देने के लिए हत्यारों को हथियार सप्लाई करता है।
जब वो पांवटा साहिब भागने की फिराक में था तो उसे दबोच लिया गया। पूछताछ के दौरान मनप्रीत ने खुलासा किया था कि हेमकुंड साहिब तीर्थ यात्रा के बाद वो पांवटा साहिब जा रहा था। ये भी बताया गया कि पंजाब पुलिस के इनपुट पर ही उत्तराखंड पुलिस के एसटीएफ ने कार्रवाई को अंजाम दिया था।
संदिग्ध की मूमेंट का लेकर संयुक्त टीम के पास एक विशेष जानकारी थी कि वो कार में सफर कर रहा है। संयुक्त टीम ने पूरी सावधानी से शहर के निकासी द्वारों को घेर लिया था। शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर नयागांव पुलिस चैक पोस्ट के पास कार का पीछा किया गया।
इसके बाद उसे पंजाब पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया। टीओआई की खबर के मुताबिक वाहन में चार अन्य लोग भी मौजूद थे, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मैदानी इलाकों में जघन्य अपराध को अंजाम देने के बाद अपराधी पहाड़ी राज्य हिमाचल व उत्तराखंड को छिपने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
उधर सिरमौर के पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड या पंजाब पुलिस ने इस बात को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की है कि मूसेवाला हत्याकांड का एक संदिग्ध पांवटा साहिब आने की फिराक में था।