पांवटा साहिब, 17 दिसंबर : सर्दियों में ‘‘हार्ट’’ का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। विंटर वैदर में हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी समस्या के बढ़ने की संभावना रहती है। खासकर 60 से अधिक उम्र के लोगों के लिए खास सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। कुछ समय पहले श्री साईं अस्पताल ने शहर में कार्डियोलॉजी सैंटर स्थापित किया था।
सर्दियों में ह्दय से जुड़ी बीमारियों को लेकर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए या इसके लक्षण क्या हैं, इनको लेकर ‘चिकित्सक का परामर्श’ के तहत कार्डियोलाॅजी सैंटर के प्रमुख डाॅ. पी जोथीनाथ से प्रतिनिधि की लंबी बातचीत हुई।
पेश है बातचीत से जुड़ी खास बातें….
प्र0: क्या विंटर में हार्ट अटैक से जुड़ी समस्या की अधिक संभावना रहती है?
उ0: बिलकुल, सर्दियों में ये संभावना बढ़ जाती है। रूटीन चैकअप जरूरी होता है।
प्र0: लक्षण क्या होते हैं?
उ0: लगातार पसीना आना सामान्य लक्षण हैं, लेकिन अगर अचानक ही सांस फूलने लगे व घबराहट महसूस हो तो हार्ट से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। छाती में तेज दर्द हो सकता है। बाएं हाथ, कमर व कंधों के बीच भी दर्द महसूस किया जा सकता है, जो कई बार ठोड़ी व जबड़े तक भी पहुंच जाता है। दर्द के दौरान हारमोन्स पैदा होने के कारण ब्लड प्रैशर बढ़ने से हार्ट अटैक की आशंका बढ़ती है।
प्र0: कितनी देर में रोगी को विशेषज्ञ के पास पहुंचाया जा सकता है?
उ0: वैसे तो 30 से 60 मिनट की कोशिश होनी चाहिए। पहले रोगियों को चंडीगढ़ या देहरादून में ही एडवांस सुविधा मिल रही थी, लेकिन अब इस सैंटर में भी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई हैं।
प्र0: अगर अस्पताल तक पहुंचने में समय लग रहा हो, तो क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
उ0: यदि स्वास्थ्य संस्थान दूर है, साथ ही ये प्रतीत हो रहा है कि हार्ट से जुड़ी दिक्कत हो सकती है तो रोगी को फौरन ही डिस्प्रिन या एस्प्रीन दी जा सकती है। अस्पताल में भी कार्डियोलॉजिस्ट उपलब्ध न होने की सूरत में खून पतला करने का इंजेक्शन दिया जा सकता है।
प्र0: किन्हें अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है।
उ0: अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है तो साल में एक बार लिक्विड प्रोफाइल के अलावा जरूरी टैस्ट करवाने चाहिए। सर्दियों में तो स्मोकिंग को भी त्यागना चाहिए। बीपी व शूगर के रोगियों को खास सावधानियां बरतनी चाहिए। कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क रखना चाहिए।
प्र0: सिरमौर में दिल के रोगियों की स्थिति क्या है?
उ0: यहां आए हुए 6 महीने का वक्त हुआ है। इससे पहले पंजाब के खन्ना में तैनात रहा। यहां पाया है कि दिल के रोगी काफी हैं। ये बीमारी भी आपकी दिनचर्या पर निर्भर करती है।
प्र0: क्या ह्रदय रोग अनुवांशिक है?
उ0: बिलकुल, अगर आपके परिवार में हार्ट से जुड़ी दिक्कत की हिस्ट्री रही है तो रूटीन चैकअप पर फोकस करना चाहिए।
प्र0: क्या, अतिरिक्त सुझाव रहेंगे?
उ0: ये सुनिश्चित करना चाहिए कि एमरजेंसी में कहां कंसलटेंसी होगी। कम से कम ईसीजी व इको इत्यादि टैस्ट की सुविधा हासिल करने को लाइनअप किया जाना चाहिए। एस्प्रीन को जीभ के नीचे रखना ही मुनासिब होता है।
प्र0: क्या, पांवटा साहिब सैंटर में पेसमेकर या स्टंट डालने की सुविधा है?
उ0: जी हां, आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
प्र0: युवाओं में बढ़ती हार्ट प्राॅब्लम का कारण क्या है?
उ0: दिनचर्या सबसे अहम है। धूम्रपान, जंक फूड का सेवन व आनुवंशिक भी कारण बनते हैं।
प्र0: क्या हृदय रोगियों को व्यायाम या सैर करनी चाहिए?
उ0: रोगी के डायग्नोज के बाद ही इस बारे फैसला लिया जा सकता है। ये रोगी के टैस्ट रिपोर्ट पर निर्भर करता है कि व्यायाम या सैर के लिए एडवाइस किया जा सकता है या नहीं।