शिमला, 27 अक्टूबर : हिमाचल प्रदेश में 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव में संयुक्त किसान मोर्चा भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ मतदान करेगी। किसान मोर्चा के प्रदेश संयोजक अनिंदर सिंह नौटी ने बुधवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि केंद्र व राज्य की भाजपा शासित सरकारें किसानों व बागवानों की समस्याओं का समाधान करने में विफल रही है, और उपचुनाव में भाजपा को इसका जवाब दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पिछले 11 माह से देशभर के 28 राज्यों के किसान बागवान विभिन्न जगहों पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की सरकार इन कृषि कानूनों पर किसानों के साथ बातचीत कर हल नहीं निकालना चाहती है जिसके चलते अब तक 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए हैं।
इससे पहले 22 जुलाई 1990 को कोटगढ़ में तीन किसान शहीद हुए थे, और अभी हाल ही में यूपी के लखीमपुरी में पांच किसान शहीद हुए हैं। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है कि यह दोनों समय में विरोध विचारधारा वाली सरकार थी जो अभी भी किसानों के खिलाफ तीन कृषि कानून ला रही है। ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा प्रदेश की जनता से आह्वान कर रही है कि वे भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए नो वोट फ़ॉर बीजेपी के अभियान में शामिल होकर भाजपा के खिलाफ वोट करे। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर को होने वाले चुनाव में प्रदेश के सभी लोग भाजपा के खिलाफ वोट करें ताकि 2 नवंबर को शहीद हुए किसानों को सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके।
उन्होंने कहा कि इससे पहले किसान संयुक्त मोर्चा ने वोट की चोट नो वोट फ़ॉर बीजेपी जनजागरण अभियान चलाया है, जिसके तहत पूरे प्रदेश के लोगों को जागरुक किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में चुनाव प्रचार के दौरान कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा प्रत्याशियों को गांव में घुसने नहीं दिया जिसमें फतेहपुर के मण्ड क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी को गांववालों ने घुसने नहीं दिया।
इसके अलावा नालागढ़ में एसडीएम ऑफिस के बाहर चक्का जाम और मंडी के सुंदरनगर से नेरचौक तक रैली निकाली और इससे पहले पावंटा साहिब में किसान मंच का आयोजन किया गया है। साथ ही जुब्बल कोटखाई में बागवान एकत्र होकर संयुक्त किसान मोर्चे के गठन किया गया, जिसके बाद ठियोग में बागवानी मंत्री का घेराव किया गया।