नाहन, 27 अक्तूबर : तो क्या, नाहन पुलिस सड़कों के किनारे बेतरतीब पार्किंग के खिलाफ तल्ख हो गई है। ये सवाल, कुछ बातों को लेकर उठे हैं। दरअसल, बुधवार को शहर की सड़क पर मैटलिंग का कार्य शुरू हुआ था। ऐसे में लाजमी तौर पर ट्रैफिक व्यवस्था चरमरानी ही थी। वहीं, मोहल्ला गोविंदगढ़ से बारात निकलने की तैयारी कर रही थी। एक वाहन चालक फोन पर तो बात कर ही रहा था, साथ ही ट्रैफिक के लिए बड़ी परेशानी कर रहा था। दस्तावेज नहीं मिले तो पुलिस ने कार को थाना में ही तलब कर दिया। हालांकि चेतावनी के बाद कार चालक को छोड़ भी दिया गया था, लेकिन ऐसा प्रतीत होता नजर आया कि पुलिस गंभीर हो गई है।
उधर, चंद रोज से शहर के बाजारों के प्रवेश द्वारों पर बैरिकेटस भी नजर आने लगे हैं, ताकि संकीर्ण बाजार में सरपट दौड़ने वाले वाहनों पर लगाम कसी जा सके। कई जगहों पर खाकी गश्त करती भी नजर आती है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर अगर चर्चा करें तो मंगलवार शाम महलात से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जो अपने आप में ही हैरान करने वाली थी। यहां अज्ञात व्यक्ति ने स्कूटी को सड़क के बीचोंबीच पार्क किया हुआ था। चंद रोज पहले पुलिस कंट्रोल रूम के समीप भी जब दो पहिया वाहन को पार्किंग की जगह नहीं मिली तो अन्य दोपहिया वाहन के बीच एक टायर को ले जाकर बाकी हिस्सा सड़क पर ही छोड़ दिया था।
चंद सप्ताह पहले एक पुलिस के कर्मी ने स्टेट बैंक के सामने बीचोंबीच ही कार को पार्क कर दिया था। इस कार पर न केवल पुलिस का स्टीकर लगा हुआ था, बल्कि टोपी भी डैशबोर्ड पर शान से रखी गई थी। इससे जुड़ी तस्वीरें एसपी ओमापति जमवाल तक भी पहुंची थी, तब पता चला था कि अवैध तरीके से पार्किंग करने वाला पुलिस कर्मी छठी आईआरबी बटालियन में तैनात है। शहर की सड़कों पर अमूमन इस तरह की तस्वीरें रोज ही देखने को मिलती है।
महलात की घाटी तो अवैध पार्किंग को लेकर इस कदर बदनाम हो चुकी है कि एंबुलेंस के चालक आपात स्थिति में भी चढ़ाई चढ़ने से इंकार कर देते हैं। एक सवाल ये भी है कि पुलिस कंट्रोल रूम से महज 300 मीटर दूर तक सड़क को वन-वे क्यों बनाया गया है, इसका जवाब साफ तौर पर बेतरतीब तरीके से पार्क किए गए वाहन देते हैं। शहर में केवल यही एक पैच है, जो वन-वे है। पुलिस कंट्रोल रूम की तरफ से चैपहिया वाहन प्रवेश नहीं कर सकते हैं।
एकतरफा ट्रैफिक होने के कारण मुफ्त की पार्किंग हासिल हो जाती है। राहगीरों को वन वे का कोई फायदा नहीं मिलता। उल्लेखनीय है कि शहर की सड़कें अब पैदल चलने वालों के लिए असुरक्षित हो चुकी हैं।
उधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बबीता राणा ने माना कि बुधवार को बारात में जाने के लिए तैयार कार को थाना में तलब कर लिया गया था। दस्तावेजों की वेरिफिकेशन के बाद कार को छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि चालक ने सड़क किनारे कार को पार्क किया हुआ था। साथ ही फोन पर बात कर रहा था।