कुल्लू, 1 अक्तूबर : कुल्लू व लाहौल-स्पिति सीमा पर 13050 फुट ऊंचा हिमाच्छादित रोहतांग दर्रे के दीदार के लिए अब गुलाबा व कोकसर बैरियरों पर लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा।वाहन चालकों को रोहतांग पास परमिट की वैधता जांचने के लिए कुल्लू प्रशासन ने राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) हिमाचल प्रदेश के सहयोग से एक नई मोबाइल एप विकसित की है।
इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने बताया कि पहले ये काम काउंटर पर कंप्यूटर के द्वारा होता था। अब ये मोबाइल एप के द्वारा वाहन के पास जाकर ही परमिट को स्कैन करके चंद सेकंड में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वाहन चालकों को अपना वाहन छोड़कर काउंटर पर जाने की जरूरत भी नहीं होगी, बल्कि बैरियर कर्मचारी ही अब उनके पास जाकर उनका परमिट जांच लेंगे।
मोबाइल फोन से क्यू-आर कोड को स्कैन करना होगा और यह केवल एक बार ही होगा। इससे अब एक ही परमिट का बार-बार इस्तेमाल करना भी असंभव हो जाएगा। ये एप एंड्रॉयड मोबाइल के लिए उपलब्ध करवाई गई है। इस एप के आ जाने से इस सारे काम में पारदर्शिता भी आएगी और समय की भी बचत होगी। वाहनों की रोहतांग दर्रे के लिए आवाजाही की वास्तविक संख्या का भी इस एप के माध्यम से पता चलेगा।